सहारनपुर जिले के रेत माफिया और मायावती सरकार में एमएलसी रहे हाजी इकबाल और उनके भाई महमूद अली की गिरफ्तारी तय है। इन पर नदियों के किनारे भूमि खनन पट्टों को राजस्व कर्मियों से मिलकर अपने ट्रस्ट के नाम करवाने के आरोप है। माना जा रहा है कि इस मामले के सामने आने पर अब सहारनपुर पुलिस जल्द ही इन दोनों भाईयों को गिरफ्तार करेगी।
बसपा नेता और मायावती के शासन काल मे सहारनपुर से लेकर दिल्ली तक यमुना और उसकी सहायक नदियों में अवैध खनन कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने वाले हाजी इकबाल उनके छोटे भाई महमूद अली और उनके पुत्रों के खिलाफ योगी सरकार का डंडा चलने लगा है। इन पर ईडी, एनजीटी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने पहले से फाइल तैयार की हुई हैं और अब इन पर सहारनपुर प्रशासन ने एक और बड़े मामले का खुलासा किया है।
जानकारी के मुताबिक मायावती शासन काल में इन्हें जो नदी किनारे भूमि आवंटन के खनन पट्टे जारी हुए थे वो इनके अपने आदमियों के थे और इन व्यक्तियों को अपने ट्रस्ट के सदस्य दिखा कर उक्त पट्टे, इनके अपने परिवार के अब्दुल वहीद एंड चेरिटेबल ट्रस्ट के नाम चढ़वाने के लिए राजस्व विभाग के निचले कर्मियों का सहारा लिया। पुलिस की एसआईटी ने 6 तहसील कर्मियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। जिनमें दो पटवारी भी शामिल हैं। जनेश्वर प्रसाद, बीरबल, सुरेंद्र कुमार, संजय कुमार, अब्दुल रहमान और अखलाक के खिलाफ मिर्जापुर थाना पुलिस ने 2018 से मामले की छानबीन करते हुए इन्हें आरोपी पाया है। जानकारी के मुताबिक जमीनों की श्रेणी में हेरफेर की एक बड़ी फाईल तैयार हुई है। माना जा रहा है ये फाइल ही अब इन खनन माफिया को गैंगस्टर एक्ट में जेल भेजने के लिए डीएम के पास संस्तुति के लिए पहुंच गई है।
पुलिस ने दोनों माफिया भाइयों के करीबी राव लईक को भी गिरफ्तार कर लिया है। लईक पहले से ही गैंगस्टर एक्ट में वांछित चल रहा था और अपने छुपने के ठिकाने बदलता रहा था। राव लईक हाजी इकबाल और महमूद का वो गुर्गा है जो हर अच्छे बुरे काम में इनका भागीदार रहा है। उल्लेखनीय है कि इकबाल और महमूद पर एनजीटी ने 50 करोड़ का जुर्माना भी पिछले दिनों लगाया था। इस जुर्माने को वसूलने के लिए हरियाणा और यूपी सरकार के मुख्य सचिवों को निर्देशित किया था। इससे पहले ईडी ने भी इनके ठिकानों पर छापा मार करके करोड़ों की बेनामी संपत्ति का इनसे हिसाब किताब मांगा हुआ है।
सीबीआई के भी रडार पर
दोनों बसपा के पूर्व एमएलसी सीबीआई के भी निशाने पर रहे हैं। सीबीआई ने कई बार इनके प्रतिष्ठानों पर सर्च किया है। इनके कारोबार से जुड़े दस्तावेज पहले से ही विभाग द्वारा जांचे परखे जा रहे हैं। मायावती शासन काल के दौरान इन्होंने करोड़ों की अवैध संपत्ति जुटाई।
एसएसपी आकाश तोमर का बयान
हाजी इकबाल, उनके भाई मोहम्मद अली उनके बेटे मोहम्मद जावेद के खिलाफ पुलिस की एसआईटी ने जांच पूरी कर ली है। उनके एक सहयोगी राव लईक को गैंगस्टर में जेल भेजा जा चुका है। अवैध खनन, सरकारी जमीनों पर कब्जे, कर चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने, धोखाधड़ी करने जैसे गंभीर मामले इन पर चल रहे हैं। इन्हें कई बार नोटिस भी दिया गया है, परंतु ये हाजिर नहीं होते लिहाजा इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस गंभीरता से प्रयास कर रही है।
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