जेएनयू रविवार को एक बार फिर चर्चा में आ गया। इस बार कैंपस में हिंसा हुई। उपद्रवी तत्वों ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। एबीवीपी की महिला कार्यकर्ताओं को भी गंभीर चोट आई है। कावेरी हास्टल में आयोजित रामनवमी की पूजा रोकने की कोशिश की गई। एबीवीपी की ओर से बताया गया कि इन उपद्रवी तत्वों को लेफ्ट और एनएसयूआई का समर्थन मिला था। पूजा रोक पाने में असफल होने पर वामपंथी छात्र संगठन मेस के मेन्यू में नॉनवेज का मुद्दा उठा रहे हैं।
एबीवीपी के अनुसार रविवार को कावेरी हास्टल में रहने वाले छात्रों ने रामनवमी की पूजा आयोजित की थी। इसका पोस्टर तीन दिन पहले निकल चुका था। तीन दिन से इसी परिसर में रहने वाले कुछ उपद्रवी तत्व वामपंथियों और एनएसयूआई के समर्थन से लगातार धमकी दे रहे थे कि पूजा आयोजित नहीं होने देंगे। पूजा में विघ्न डालेंगे।
JNU छात्रा दिव्या को कांच की बोतल तोड़कर मारा गया क्योंकि रामनवमी पर हवन में शामिल होने आओ थी।
AISA, SFI के गुंडे कार्यकर्ताओं द्वारा एबीवीपी छात्रा कार्यकर्ताओं को भद्दी भद्दी गालियां दी गई।#LeftViolenceInJNU #LeftAgainstRam pic.twitter.com/x473m4YM8J— ABVP JNU (@abvpjnu) April 10, 2022
जेएनयू में एबीवीपी के अध्यक्ष रोहित कुमार के मुताबिक आज साढ़े तीन बजे होने वाली थी अचानक कावेरी के गेट पर लोग आकर हल्ला करना शुरू कर देते हैं। परेशान करते हैं। इस वजह से पूजा शाम साढ़े पांच बजे शुरू होती है। भगवान राम की आराधना की वजह से एबीवीपी एसे छात्रों के समर्थन में आज यहां आया। मेस के प्रांगण में सांप्रदायिक सौहार्द बना हुआ था। इफ्तार पार्टी भी हो रही थी और पास में पूजा भी हो रही थी। एबीवीपी किसी विवाद में शामिल नहीं है। जब कावेरी में रहने वालों को दिक्कत नहीं है तो सद्भाव को लेकर लेफ्ट और एनएसयूआई को इससे दिक्कत क्यों है। लेफ्ट इसे राजनीतिक रंग दे रहा है। कुलपति और सुरक्षा अधिकारी को इस संबंध में शिकायत दी गई है।
वहीं, लेफ्ट से जुड़े छात्रों का कहना है कि एबीवीपी मेस कमेटी को रात के खाने के मेन्यू को बदलने और सभी छात्रों के लिए मांसाहारी वस्तुओं को बाहर करने के लिए मजबूर कर रहे। गौरतलब है कि मेन्यू में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन छात्रों के लिए उपलब्ध रहता है।
वामपंथी संगठनों द्वारा रामनवमी और इफ्तार समारोह का राजनीतिकरण
एबीवीपी के अनुसार रामनवमी के शुभ अवसर पर, कावेरी छात्रावास, जेएनयू के छात्रों ने इस त्योहार को मनाने के लिए एक पूजा का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जेएनयू के आम छात्रों को शामिल होना था। छात्रावास में रमजान बहुत ही शांतिपूर्वक और साथ-साथ मनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने इफ्तार और रामनवमी का शांतिपूर्ण एक साथ उत्सव देखा।
वामपंथी इस तथ्य को पचा नहीं पाते हैं। जैसे देश को तोड़ने की योजना बना रहे हैं, यहां भी उन्होंने ‘मांसाहारी भोजन’ का आधारहीन मुद्दा उठाकर छात्रों के बीच हंगामा करने की योजना बनाई। अभाविप छात्र समुदाय की एकता के साथ मजबूती से खड़ा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस एकता को खत्म करने की कोई भी गलत कोशिश बेनकाब हो जाए। वामपंथी संगठन इस मामले में अभाविप को घसीटने की कोशिश कर रहे हैं, जो मीडिया का ध्यान खींचने के लिए उनका प्रचार मात्र है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पुष्टि करता है कि यह आयोजन केवल छात्रावास के निवासियों द्वारा आयोजित किया गया था। एक धार्मिक उत्सव का वामपंथी राजनीतिकरण करने का यह कृत्य एक शर्मनाक कृत्य है और अभाविप इसकी मूल रूप से निंदा करता है।
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