असम के करीमगंज से 16 करोड़ रुपये मूल्य की हेरोइन जब्त की गई और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के ईशानचोरा गांव में एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक वाहन को रोका गया और उसमें से 2.27 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ को साबुन की 175 पेटियों में पैक किया गया था। पुलिस अधीक्षक पद्मनाभ बरुआ ने कहा कि बृहस्पतिवार को शुरू हुआ यह अभियान शुक्रवार की तड़के तक जारी रहा। इस दौरान चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एनडीपीएस की संबंधित धाराओं के तहत इस सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पुलिस को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘‘मादक पदार्थों के खिलाफ असम पुलिस के अभियान में एक और सफलता। करीमगंज पुलिस ने एक दिन तक चले अभियान में 2.275 किलोग्राम हेरोइन जब्त की। चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।’’
असम में ड्रग तस्करों के खिलाफ चल रहा है अभियान
असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा सरकार ने ड्रग तस्करों के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ रखा है। इसी कड़ी में राज्य में तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है। राज्य प्रशासन की सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तस्करी के विभिन्न मामलों में दो हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि 2018 में 455 मामलों में 694 ड्रग तस्कर, 2019 में 826 मामलों में 1226 ड्रग तस्कर और 2020 में 980 मामले में 1652 ड्रग तस्कर गिरफ्तार किये गए थे। साल, 2021 में पिछले कई वर्षों की तुलना में पांच गुना से अधिक हेरोइन, अफीम और अन्य मादक पदार्थ बरामद किये जा चुके हैं।
असम बन रहा था मुख्य अड्डा
खबरों के अनुसार पिछले कई दशकों में असम ड्रग्स की तस्करी के लिए म्यांमार, लाओस और थाइलैंड के गोल्डन ट्राइंगल के रास्ते भारत में भेजे जाने वाले ड्रग का मुख्य अड्डा बन गया था। असम में म्यांमार से मणिपुर के रास्ते, मिजोरम और नागालैंड के रास्ते ड्रग पहुंचता है और फिर यहीं से पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों इसे पहुंचाया जाता है। बता दें कि सीमा से सटे म्यांमार के इलाके में विभिन्न अलगाववादी गुटों के सक्रिय कैंप तस्करों की मदद करते हैं।
खबर यह भी है कि यहां आने वाले कुल ड्रग की 25 फीसद खपत अकेले पूर्वोत्तर राज्यों में होती है, जबकि शेष 75 फीसदी भारत के दूसरे भागों में पहुंचाई जाती है। राज्य में हो रही ड्रग तस्करी पर राज्य प्रशासन का कहना है कि असम सरकार ड्रग तस्करी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत है और इस पर पूरी तरह से नकेल लगाने तक हमारा अभियान जारी रहेगा। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार अलगाववादी संगठनों की फंडिंग का मुख्य जरिया ड्रग्स, हथियार और मानव तस्करी है।
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