पंचांगों की एकरूपता के लिए साथ बैठेंगे पंडित
Sunday, May 29, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

पंचांगों की एकरूपता के लिए साथ बैठेंगे पंडित

पंचांगों में एकरूपता लाने के लिए 22 और 23 अप्रैल को उज्जैन में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी हो रही है। इसमें देशभर के लगभग 300 पंडित, धर्माचार्य, खगोलशास्त्री, ज्योतिषाचार्य आदि मंथन करेंगे।

अरुण कुमार सिंह by अरुण कुमार सिंह
Apr 8, 2022, 02:51 pm IST
in भारत
भारतीय पंचांग

भारतीय पंचांग

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

पंचांगों में एकरूपता लाने के लिए 22 और 23 अप्रैल को उज्जैन में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी हो रही है। इसमें देशभर के लगभग 300 पंडित, धर्माचार्य, खगोलशास्त्री, ज्योतिषाचार्य आदि मंथन करेंगे।

जब भी कोई पर्व आता है, तो हम और आप अवश्य सुनते और देखते होंगे कि कोई उसी पर्व को आज मना रहा है, तो कोई कल। ऐसा क्यों होता है! इसका उत्तर पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के निदेशक डॉ. मनमोहन उपाध्याय ने दिया। उन्होंने बताया कि वैष्ण्व लोग उदिया तिथि यानी सूर्योदय के समय जो तिथि होती है, उसे मानते हैं, जबकि अन्य सम्प्रदायों के लोग अपने धर्माचार्यों या पूर्वाचार्यों के वचनों के अनुसार चलते हैं। इस कारण कभी कोई पर्व दो दिन मनाया जाता है।

इसे ही समाप्त करने के लिए भारत सरकार ने एक नई पहल की है। सरकार का प्रयास है कि पर्व—त्योहरों में एकरूपता हो। इसके लिए भारत सरकार की पहल पर 22 और 23 अप्रैल को उज्जैन में एक बैठक बुलाई गई है। इसमें देशभर से विभिन्न सम्प्रदायों के विद्वान भाग लेंगे। इनमें पंचांगकर्ता, ज्योतिषी, खगोलशास्त्री आदि शामिल हैं। इस आयोजन में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, केंद्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय तारा भौतिकी संस्थान, खगोल विज्ञान केंद्र, विज्ञान भारती, मध्य प्रदेश विज्ञान—प्रौद्योगिकी विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय और पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन की भूमिका रहने वाली है। पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलसचिव डॉ. दिलीप सोनी ने बताया कि देश में पहली बार 1952 में दिनदर्शिका सुधार समिति बनाई गई। इसकी अनुशंसा पर ‘कैलेंडर रिफार्म कमेटी’ बनी थी। इसकी अनुशंसा पर भारतीय राष्ट्रीय दिनदर्शिका बनाने के प्रयास हुए थे, लेकिन किसी कारणवश ऐसा हो नहीं पाया। अब एक बार फिर से केंद्र सरकार ने इस पर विचार किया है। उन्होंने बताया कि अभी जो अंग्रेजी कैलेंडर चलन में है, उसके दिन, तिथि, माह को लेकर कोई प्रमाणिक मान्यता नहीं है, जबकि भारतीय कैलेंडर खगोल पर आधारित है। हमारे यहां महीनों के नाम नक्षत्रों पर रखे गए हैं। ऐसे ही ग्रहों के आधार पर दिन, तिथि, पर्व तय होते हैं। इसलिए दो दिन की बैठक हो रही है। इससे देश के विभिन्न भागों में अलग—अलग पंचांगों के कारण जो मतभेद उत्पन्न होते हैं, वे दूर होंगे और अंग्रेजी कैलेंडर के स्थान पर भारतीय कैलेंडर की स्वीकार्यता बढ़ सकती है।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी से पहले देश के अनेक महानगरों कोलकाता, जम्मू, पुणे आदि में कार्यक्रम होंगे, जिनमें लोगों को भारतीय कैलेंडर के बारे में बताया जाएगा।

कालगणना का प्रचीन केंद्र उज्जैन  

उज्जैन कालगणना का प्रचीन केंद्र रहा है। उज्जैन की कालगणना को ही विश्व में मान्यता दी गई थी। उल्लेखनीय है कि उज्जैन कर्क रेखा पर स्थित है और केंद्र में महाकाल मंदिर है। इसलिए यहां की गई समय की गणना सबसे बिल्कुल सटीक होती है। राजा जय सिंह ने उज्जैन, दिल्ली, मथुरा और जयपुर में वेधशाला की स्थापना की थी। दिल्ली की वेधशाला को आज जंतर—मंतर के नाम से जाना जात है। इसके बाद प्रख्यात पुरातत्वविद् डॉ. वाकणकर ने कर्क रेखा की दोबारा खोज की। इस खोज के पश्चात उज्जैन के पास महीदपुर तहसील के डोंगला में नई वेधशाला बनाई गई है। जहां खगोल को लेकर अत्याधुनिक उपकरण और अंतरराष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आदि के लिए सभागृह हैं। आजकल डोंगला से ही कर्क रेखा गुजर रही है।

Topics: भारतीय पंचांगपंचांग
ShareTweetSendShareSend
Previous News

रोहित नाम से हिन्दू के घर रह रहा था आसिफ, पुलिस ने भेजा जेल

Next News

क्या गो तस्करों के सर पर है झारखंड पुलिस का हाथ ?

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

रोजगार देने वाला बनेगा युवा

उत्तर प्रदेश की 75 सीटों के लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ेंगे : योगी

मलेशियाई महिला ने खुद के मुस्लिम होने को कोर्ट में दी चुनौती, कहा- मुझे इस्लाम बिल्कुल पसंद नहीं

मलेशियाई महिला ने खुद के मुस्लिम होने को कोर्ट में दी चुनौती, कहा- मुझे इस्लाम बिल्कुल पसंद नहीं

कश्मीर फाइल्स के बाद का कश्मीर…

कश्मीर फाइल्स के बाद का कश्मीर…

मुजफ्फरपुर और मधुबनी में लव जिहाद, एक लड़की की हत्या, दूसरी गायब

‘फिल्मी दुनिया में काम दिलाने के नाम पर हिंदू लड़कियों का कन्वर्जन कराता है दबीर सिद्दकी’, महिला ने की शिकायत

10 से 10 तक : शादीशुदा अजीज से परेशान हिंदू युवती ने दे दी जान, कन्वर्जन का बना रहा था दबाव

10 से 10 तक : शादीशुदा अजीज से परेशान हिंदू युवती ने दे दी जान, कन्वर्जन का बना रहा था दबाव

‘अब नहीं होता पूर्वोत्तर के साथ भेदभाव’

‘अब नहीं होता पूर्वोत्तर के साथ भेदभाव’

‘पहाड़ नहीं चढ़ पाएगी आआपा’

‘पहाड़ नहीं चढ़ पाएगी आआपा’

ब्राजील में बारिश और भूस्खलन से 37 लोगों की मौत

ब्राजील में बारिश और भूस्खलन से 37 लोगों की मौत

औरतें दिखाई ही न दें, ऐसा कर रहा है तालिबान

औरतें दिखाई ही न दें, ऐसा कर रहा है तालिबान

उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से हटाए गए 71 हजार से अधिक लाउडस्पीकर, 4000 से अधिक सौपें गए स्कूलों को

उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से हटाए गए 71 हजार से अधिक लाउडस्पीकर, 4000 से अधिक सौपें गए स्कूलों को

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies