उत्तराखंड में विधामसभा चुनाव से छह माह पहले युवाओं ने हिमाचल की तर्ज पर यहां भी सशक्त भू कानून बनाये जाने के लिए एक अभियान सोशल मीडिया पर चलाया था। ये मुद्दा सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ बीजेपी ने भी अपने दृष्टि पत्र इसे शामिल किया है।
चुनाव से पहले सीएम धामी ने सशक्त भू कानून लागू करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसे भू-कानून बनाये जाने को लेकर अपनी सिफारिश देनी है। चुनाव सम्पन्न होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहली बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समिति में नामित कानून के जानकार भी शामिल हुए।
भू-कानून के परीक्षण और सुझाव हेतु पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सदस्य सेवानिवृत आईएएस डॉ अरुण कुमार ढौंडियाल व डीएस गर्ब्याल, सदस्य सचिव/ राजस्व सचिव रविनाथ रामन, आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार, उप राजस्व आयुक्त देवानंद आदि उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत व विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी बैठक में सम्मिलित हुए।
सदस्य अजेंद्र अजय ने बताया कि बैठक में सभी सदस्यों ने उपयोगी सुझाव दिए, लेकिन जो सुझाव विस्तार से जिला अधिकारियों द्वारा भेजे जाने थे वो अपूर्ण थे जिन्हें पुनः भेजे जाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड में बढ़ रहे क्षेत्रों में जनसंख्या असंतुलन से चिंतित हैं। इसलिए प्रभावी भू-कानून चाहते हैं। खासतौर पर देव स्थलों में बढ़ रहे गैर हिन्दू जनसंख्या पर प्रभावी रोक लगाए जाने की जरूरत है।
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