अयोध्या अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए नागरिक उड्डयन विभाग और भारतीय विमानपत्तन के बीच भूमि लीज एग्रीमेंट पूरा हो गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हमारे लिए महत्वपूर्ण दिन है, जब अयोध्या को वायुसेवा से जोड़ने के लिए भूमि लीज एग्रीमेंट राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच संपन्न हुआ है. आज नवरात्रि का भी पावन दिन है. नवरात्रि के आयोजन को ऊर्जा के संचार की तिथि माना जाता है. ऊर्जा सकारात्मक विकास का प्रतीक भी है और जब विकास का यह प्रतीक अयोध्या से जुड़ा हो तो पूरी दुनिया को प्रफुल्लित करता है.
अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की शुरुआत हुई है. इसके लिए राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच भूमि एग्रीमेंट होना महत्वपूर्ण पहल है. देश के अंदर पांच वर्ष में बेहतरीन वायुसेवा की कनेक्टिविटी के लिए किसी राज्य ने अच्छी प्रगति की है तो उसमें उत्तर प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है. प्रधानमंत्री जी का कहना है कि वायुसेवा, हवाई चप्पल पहने वाले के लिए उपलब्ध होनी चाहिए. इसी का परिणाम है कि वर्ष 2017 में केवल दो एयरपोर्ट लखनऊ और काशी पूरी तरह से क्रियाशील थे, आज वर्तमान में 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं. जहां वर्ष 2017 तक 25 गंतव्यों तक वायुसेवा दे पा रहे थे, वहीं आज 75 गंतव्य के लिए के लिए वायु सेवा उपलब्ध है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 10 नए एयरपोर्ट के लिए प्रक्रिया चल रही है. वर्तमान में 3 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं. एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में युद्धस्तर पर कार्य प्रारम्भ हुआ है. इसके साथ ही जब अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएगा तो यूपी, 5 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा और जब 10 नए एयरपोर्ट को हम क्रियाशील करेंगे तो 19 एयरपोर्ट वाला उत्तर प्रदेश देश पहला राज्य होगा. यह रोजगार सृजन और विकास की संभावनाओं को तेजी से बढ़ाने का माध्यम है ही, साथ ही लोगों की यात्रा सरल, सुलभ और सहज बनेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2023 में राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका होगा और रामलला विराजमान हो चुके होंगे. हमें मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या में एयरपोर्ट को क्रियाशील करने की तैयारी करनी चाहिए. इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से मदद करेगी. यह अर्थव्यवस्था को ऊंचाई तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा. अयोध्या में पहले चरण के लिए जितनी भूमि की आवश्यकता है, उतनी भूमि उपलब्ध करा दी गई है. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए मात्र 86 एकड़ भूमि बाकी है, हम दो तीन महीने में इसके लिए कार्य को आगे बढ़ाएंगे. वायुसेवा की बेहतरीन कनेक्टिविटी विकास के कई द्वार खोलती है. तेजी के साथ प्रदेश में वायु सेवा का विकास हो रहा है. हम लोग अयोध्या को सुंदरतम नगरी के रूप में स्थापित करेंगे.
टिप्पणियाँ