सुरेश हिंदुस्तानी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कानपुर प्रांत के झांसी महानगर में वर्ष प्रतिपदा नव संवत्सर 2079 के अवसर पर एक परिवार की तीन पीढ़ियां पथ संचलन में शामिल हुईं। इसमें पं० श्रीराम हुन्डैत (84), उनके पुत्र पं० ज्ञानेंद्र हुन्डैत व उनके सुपौत्र हरि भी गणवेश पहनकर लक्ष्मी व्यायाम मंदिर पथ संचलन स्थल पर पहुंचे। एक परिवार की तीन पीढ़ियों को गणवेश में देखकर मन श्रद्धा से भर गया।
संघ को समर्पित यह तीन पीढ़ियां पूरी निष्ठा से राष्ट्र कार्य में अहर्निश सक्रिय हैं। श्रीराम हुन्डैत रेलवे के मंडल कार्यालय झांसी से लेखा विभाग से अवकाश प्राप्त हैं। वह बचपन से ही स्वयंसेवक बने तब से लेकर वह संघ के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। गत वर्ष तक संघ के अनुषांगिक संगठन कुटुंब प्रबंधन का कानपुर प्रांत का कार्य देख रहे थे। पूरे उत्साह व मनोयोग से संघ कार्य के लिए भी 84 वर्ष की उम्र में समर्पित हैं। वह नियमित समय से संघ शाखा में जाते हैं। जहां श्रीराम हुण्डैत को बांसुरी वादन में महारत हासिल है वहीं ज्ञानेन्द्र भी घोष वादन में प्रवीणता रखते हैं।
कारा की यातनाएं भी डिगा न सकीं
25 जून 1975 को देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल घोषित कर दिया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रभक्त संगठन को प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया था। साथ ही देश में राष्ट्र भक्तों को पकड़कर जेल की सीखचों में ठूंस दिया गया था। इसी कड़ी में संघ के स्वयंसेवक होने के नाते पंडित श्रीराम हुन्डैत को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर झांसी जिला कारागार में बंद कर दिया। मंडल रेल प्रबंधक झांसी कार्यालय में लेखा विभाग में कार्यरत श्रीराम हुन्डैत को कारा की यातनाएं भी संघ स्थान पर शाखा में मिले संस्कारों को डिगा नहीं पाईं। जेल में जो लोग उनके साथ बंदी थे वे भी उनकी राष्ट्र के प्रति निष्ठा व समर्पण को देखकर अपने को गौरवान्वित अनुभव करते थे। जेल में जिस बैरक में उन्हें रखा गया था वहां भी वह प्रतिदिन शाखा लगाकर व उसमें शामिल होते थे तथा त्वदीय कार्याय बद्धा कटियम व भारत माता की जय के मंत्र को दोहराते करीब 18 माह जेल की सीखचों में उन्हें रहना पड़ा ।
बेटी भी संघ परिवार में दी व बहू भी संघ परिवार से लाए
श्रीराम हुन्डैत जी की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी कृष्णा संघ के प्रचारक रहे पंडित जयदेव पुरोहित को ब्याही हैं जो आज भी संघ कार्य को समर्पित हैं। वह संघ के स्वयंसेवक के साथ-साथ भाजपा के पूर्व झांसी जिला अध्यक्ष रहें। वह वर्तमान में जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन हैं। उनकी बेटी भी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर सदर बाजार को संचालित कराने में वर्षों से सक्रिय हैं। दूसरी बेटी भुवनेश्वरी पंडित रामानंद तिवारी को ब्याही हैं। रामानंद तिवारी भी संघ के सक्रिय स्वयंसेवक हैं । उनके पुत्र ज्ञानेंद्र हुन्डैत का विवाह झांसी के वरिष्ठ अधिवक्ता व वरिष्ठ पत्रकार पंडित रामसेवक अड़जरिया की बड़ी बेटी नीतिका से हुआ है। पंडित रामसेवक अड़जरिया भी संघ के प्रचारक रहे हैं। वह आपातकाल में जेल में रहे हैं तथा लोकतंत्र सेनानी हैं।
बेटे बेटियों नाती व बहू की शिक्षा भी सरस्वती शिशु मंदिर से
यह भी संयोग है कि पंडित श्रीराम हुन्डैत की बेटियों, बेटे, नाती व बहू की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर व विद्या मंदिरों से हुई है। उनकी एक नातिन वाणीं व नाती हरि झांसी के शिशु मंदिर में अध्ययनरत हैं।
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