दिलीप धारूरकर
महाराष्ट्र के महाविकास आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस के 25 बागी विधायकों ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्षा सोनिया गांधी को खत लिखकर मिलने के लिए समय मांगा है। इससे सत्तापक्ष में बवाल हो रहा है। यह खत कांग्रेस का अंदरूनी मामला होते हुए भी मीडिया में आने से आशंका हो रही है कि क्या इसे प्रकट करने का कोई विशेष मकसद है ? पहले लिखी चिठ्ठी को अब देरी से मीडिया में पहुंचाने का कारण क्या हो सकता है, इसकी चर्चा हो रही है।
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर महाविकास आघाडी शरद पवार के मार्गदर्शन में बनायी और सरकार स्थापित की गई। दो साल चलने के पश्चात अब इस सरकार में अंतर्विरोध सामने आ रहे हैं। बजट सत्र में शिवसेना के विधायक अपने क्षेत्र को बजट न मिलने पर और एनसीपी के खातों को बजट का आवंटन ज्यादा होने पर बजट सत्र में कुछ देर विधानसभा से गायब थे। अब कांग्रेस के 25 विधायकों ने संग्राम थोपटे के नेतृत्त्व में अध्यक्षा सोनिया गांधी को खत लिखकर मिलने के लिए समय मांगा है। इनका कहना है कि कांग्रेस के मंत्री भी इनकी ओर ध्यान नहीं देते। विशेष कर एनसीपी के अर्थमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार एनसीपी विधायकों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। अपने पार्टी के विधायकों के क्षेत्र में बजट आवंटन ज्यादा हो इसका ध्यान रखते हैं। लेकिन कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में बजट आवंटन नहीं हो रहा है। इससे अपने क्षेत्र के अनेक काम बुरी तरह से प्रभावित है। ऐस ही चलता रहा तो आने वाले चुनाव में अपने क्षेत्र में वोट मांगना मुश्किल हो सकता है। गौरतलब है कि कांग्रेस में एक मंत्री तीन विधायकों से समन्वय करेगा ऐसा तय हुआ है, लेकिन विधायकों का कहना है कि यह बात उन्हें दो साल के बाद मालूम हुई।
शरद पवार को रोकने का मकसद ?
कांग्रेस के बागी विधायकों का सोनिया गांधी को पत्र यह पार्टी का अंदरूनी मामला था। लेकिन यह पत्र मीडिया तक क्यों पहुंचाया गया? इसके पीछे शरद पवार को रोकने का मकसद हो सकता है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। ममता बनर्जी के बाद राष्ट्रीय राजनीति में शरद पवार फिर से सक्रिय होने जा रहे हैं। गैर कांग्रेसी विपक्ष तथा प्रादेशिक पार्टियों का गठबंधन करने का पवार का प्रयास चल रहा है। राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के अधिवेशन में यूपीए का नेतृत्व शरद पवार को देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। गैर भाजपा प्रधानमंत्री की प्रतिस्पर्धा में राहुल गांधी के सामने उतरने की तयारी में निकले शरद पवार के बढ़ते कदम को रोकने हेतु यह पत्र सार्वजनिक किया गया है। महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी बनाने में शरद पवार ही मुख्य नेता रहे हैं। महाराष्ट्र की सत्ता हाथ में रहती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। लोकसभा चुनाव में शरद पवार अगर कांग्रेस नेतृत्व के सामने संघर्ष खड़ा करेंगे तो महाराष्ट्र में उनकी सत्ता को उखाड़ फेंकना कांग्रेस के लिए कोई मुश्किल बात नहीं है। यह जताने हेतु बागी विधायकों का पत्र सार्वजनिक किए जाने की आशंका है। 25 विधायकों ने 3, 4 अप्रैल को मिलने के लिए समय मांगा है। इस बैठक में क्या निर्णय होगा इस पर सभी की नजरें लगी हुई है।
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