पाक अधिक्रांत जम्मू—कश्मीर में माता शारदा देवी का अतिप्राचीन मंदिर है। कश्मीरी हिन्दू समाज से लेकर पूरे भारतवर्ष में इसकी बड़ी महत्ता है। कश्मीरी हिन्दू समाज के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र है। अब उसी के सामने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे कुपवाड़ा स्थित टीटवाल सेक्टर में किशनगंगा नदी के किनारे मां शारदा देवी के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर का निर्माण सेव शारदा कमेटी और हिन्दू समाज के सहयोग से हो रहा है।
कमेटी के अध्यक्ष रविंद्र पंडिता बताते हैं कि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया दिसंबर, 2021 में शुरू की गई थी। उस समय अधार शिला रखी गई थी। मंदिर का वास्तुशिल्प और योजना को शृंगेरी पीठ द्वारा अनुमोदित किया है। मंदिर में ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया जाएगा। इन पत्थरों पर मूर्तियां बनाने, नक्काशी करने का काम कर्नाटक में चल रहा है। उन्होंने कहा कि शारदा पीठ हमारी सनातन संस्कृति का प्रतीक है। हम केंद्र से बार आग्रह कर चुके हैं कि पाकिस्तान सरकार से संपर्क कर शारदापीठ कारिडोर स्थापित कराया जाए। गौर करने वाली बात यह है कि मंदिर के लिए एलओसी पार शारदा पीठ से शिलाएं और मिट्टी भी लाई गई हैं। टीटवाल में जिस स्थान पर मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, उसका भी अपना महत्व है। दरअसल शारदा पीठ में जाने वाले श्रद्धालुओं के पड़ाव का यह हिस्सा था। यहां सभी रात्रि विश्राम किया करते थे। यहीं से कुछ दूरी पर पाक अधिक्रांत जम्मू—कश्मीर में किशनगंगा नदी के पार शारदा कस्बा है। इसी कस्बे मां शारदा देवी का पौराणिककाल का मंदिर है।
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