दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने राष्ट्रीय हित में सकारात्मक नेतृत्व प्रदान करने के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरणा एवं प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से "मीट—अप विद यंग लीडर्स" कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष, सैय्यद शहजादी रहीं। सैय्यद शहजादी ने बालश्रम से जीवन की शुरुवात करते हुए बाद में उस्मानिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया और फिर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष तक की यात्रा की। वह एनसीसी की सीनियर अंडर ऑफिसर और सॉफ्ट बॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी हैं।
बैठक का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में सम्मेलन केंद्र में किया गया था और डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया भी कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने युवा छात्रों को जागरूक किया कि कैसे उन्होंने संघर्ष किया और खुद को इतनी मुश्किलों के बावजूद इतनी कम उम्र में समाज को नेतृत्व प्रदान करने की स्थिति में पहुंची। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से संबंधित दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और मुख्य अतिथि और डूसू अध्यक्ष के साथ संवादात्मक चर्चा की।
सैय्यद शहजादी ने कहा, "प्रत्येक छात्र को राष्ट्रहित में मुख्यधारा की सामाजिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और उसे अपने तरीके से निभाने का प्रयास करना चाहिए। एक मुस्लिम लड़की के रूप में, मैंने बाल श्रमिक के रूप में काम किया, बाद में एबीवीपी ने मुझे मंच दिया जिससे मैंने स्वयं को एक व्यक्ति के रूप में विकसित किया।"
डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा, "युवा छात्र आज के नागरिक हैं। सैय्यद शहजादी की सफलता की यात्रा और जन्म के हित में उनका निरंतर योगदान युवाओं को रचनात्मक सोच विकसित करने और राष्ट्रीय हित के प्रति अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास कराएगा। हम युवा छात्रों के बीच इस तरह की बैठक का आयोजन करते रहेंगे ताकि युवा नेतृत्व प्रदान करने वाले ऐसे उदाहरणों से उन्हें अधिक से अधिक प्रेरणा मिल सके।"
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