रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि असम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में तीन नए सैनिक स्कूल खुलेंगे। एक बयान में कहा गया है कि देश के विभिन्न राज्यों में गैर सरकारी संगठनों / निजी स्कूलों / राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में 21 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने को मंजूरी दी गई है। ये स्कूल देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल पार्टनरशिप मोड में स्थापित करने की सरकार की पहल के शुरुआती दौर में स्थापित किए जाएंगे। वे मौजूदा सैनिक स्कूलों से अलग होंगे। नए स्कूलों की स्थापना के पीछे का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने सहित भविष्य में बेहतर अवसर प्रदान करना है।
बयान के अनुसार, "यह निजी क्षेत्र को आज के युवाओं को कल के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए परिष्कृत करके राष्ट्र निर्माण की दिशा में सरकार के साथ हाथ से काम करने का अवसर भी देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन सैनिक स्कूल स्थापित करने के विजन के पीछे का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। इसके साथ ही छात्रों को सशस्त्र बलों में शामिल होने सहित करियर के बेहतर मौके प्रदान करना है।
साथ ही कहा कि जिन 21 स्कूलों को मंजूरी मिली है, उनमें 17 पहले से चल रहे हैं। यानी उन्हें सैनिक स्कूलों के रूप में बदला जाएगा। चार स्कूल नए स्थापित होंगे। 12 स्कूल एनजीओ, ट्रस्ट और सोसायटी द्वारा संचालित होंगे। छह निजी स्कूलों द्वारा तथा तीन राज्य सरकारों द्वारा खोले जाएंगे। नए सैनिक स्कूलों में सात में डे केयर की सुविधा होगी जबकि शेष 14 स्कूलों में आवासीय व्यवस्था भी होगी।
निजी भागीदारी से खुलेंगे स्कूल
निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ ये 21 नए सैनिक स्कूल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब, राजस्थान के अलावा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दादरा नगर हवेली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु में खोले जाएंगे।
केंद्र की तरफ से मदद
नए सैनिक स्कूलों में 50 फीसद बच्चों को केंद्र सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम 40 हजार रुपये सालाना तक होगी। सरकार ने कहा कि शेष सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए भी प्रक्रिया चल रही है। उन्हों भी जल्द से जल्द खोला जाएगा।
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