रक्षा मंत्रालय ने अगले छह वर्षों के भीतर रक्षा उद्योग से जुड़े 107 सब सिस्टम का विदेशों से आयात बंद करके 'आत्मनिर्भर' बनने का फैसला लिया है। इन सभी यूनिटों, उप-प्रणालियों का आने वाले वर्षों में तय सीमा अवधि में स्वदेशीकरण किया जाएगा और इसके बाद इनकी खरीद केवल भारतीय उद्योग से ही की जाएगी। सरकार इस बदलाव को ऐसे समय में लाने का लक्ष्य बना रही है जब भारत विदेशी निर्मित हथियारों और उपकरणों के शीर्ष आयातकों में से एक है।
रक्षा मंत्रालय ने रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की अपनी खोज को जारी रखने के उद्देश्य से गुरुवार को एक सूची जारी की है। इसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 107 लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट (एलआरयू), उप-प्रणालियों का समय सीमा के साथ स्वदेशीकरण करने की मंजूरी दी गई है, जिसके बाद उनके आयात पर प्रतिबंध होगा। इन्हें आने वाले वर्षों में स्वदेशी बनाया जाएगा और प्रत्येक वस्तु के सामने दर्शाई गई तारीखों के बाद भारतीय उद्योग से खरीदा जा सकता है। सूची में ऐसे उत्पाद भी शामिल हैं जिनका आयात इस साल दिसंबर से शुरू होकर दिसंबर, 2028 तक पूरी तरह बंद हो जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि आयात बंद होने वाली वस्तुओं में वाल्व, बियरिंग्स, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट, एंटेना और होवरक्राफ्ट शामिल हैं। इन वस्तुओं का स्वदेशीकरण 'मेक' श्रेणी के तहत रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम करेंगे। इसका उद्देश्य भारतीय उद्योग की अधिक भागीदारी को शामिल करके आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। मंत्रालय का कहना है कि रक्षा प्लेटफार्मों के निर्माण के लिहाज से यह भारतीय उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर होगा। स्वदेशी विकास से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और डीपीएसयू की आयात निर्भरता कम होगी। सरकार का मानना है कि इस फैसले से घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमताओं को बढ़ावा मिलने के साथ ही भारत को दुनिया में अलग पहचान मिलेगी।
दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने रक्षा निर्माण क्षेत्र को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए 27 दिसंबर, 2021 को तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी करके 2,851 आइटम का विदेशों से आयात करने पर रोक लगा दी थी। इनमें परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, पारंपरिक पनडुब्बी, मिसाइल और सोनार सिस्टम शामिल हैं। इससे पहले स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 हथियारों और प्लेटफार्मों की 'पहली सकारात्मक स्वदेशीकरण' सूची अगस्त, 2020 में अधिसूचित की गई थी। टैंक इंजन, रडार, कोरवेट सहित 108 हथियारों और प्लेटफार्मों की दूसरी सूची मई 2021 में जारी की गई थी। दूसरी सूची को दिसंबर, 2025 तक उत्तरोत्तर लागू किए जाने की योजना है।
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