विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट करना एक मुस्लिम महिला को भारी पड़ा। नाराज ससुरालियों ने पिटाई कर उसे घर से निकाल दिया। साथ ही तलाक दिलवाने और पुलिस में शिकायत करने पर भाई को जान से मारने की धमकी दी है। इस पूरे प्रकरण पर महिला आयोग ने महिला के पति और उसके रिश्तेदारों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किया है। इस मामले में आयोग ने पति और रिश्तेदारों पर प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश दिया और सात दिनों में जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि बरेली में एक मुस्लिम महिला ने आरोप लगाया है कि उसे घर से सिर्फ इसलिए निकाल दिया, क्योंकि उसने चुनावों में भाजपा को वोट किय़ा था। महिला का कहना है कि उसे तीन तलाक की धमकी भी दी जा रही है। पीड़ित महिला की पहचान उजमा के तौर पर हुई है। वह शहर के बारादरी थाना क्षेत्र के जगतपुर की रहने वाली है। एजाज नगर गौटिया निवासी ताहिर अंसारी की बेटी उजमा का निकाह मोहल्ले के ही तस्लीम अंसारी के साथ जनवरी 2021 को हुआ था। दोनों की लव मैरिज हुई थी। पीड़िता ने बताया कि विधानसभा चुनाव में उसने भाजपा को वोट दिया था। इस बात की भनक जब रिश्ते के मामा मौलाना तय्यब और देवर आरिफ को लगी तो उन्होंने पहले उससे पूछा कि उसने किसको वोट दिया था। महिला ने जब बताया कि उसने भाजपा को वोट दिया है तो वे भड़क गए। उन्होंने उसे पीटा। रिश्ते के मामा और देवर ने कहा कि उसने भाजपा को वोट दिया है इसलिए उसका पति उसे तलाक देगा। भाजपा सरकार रोक सके तो रोककर दिखाए। पीड़िता के पिता ताहिर अंसारी का कहना है कि वे मेहनत-मजदूरी करते है। बेटी को ससुरालियों ने मारपीट कर घर से निकाल दिया है। वहीं, पीड़िता और परिवार के लोगों ने पुलिस से मदद मांगी है।
वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर पीड़िता ने "मेरा हक फाउंडेशन" की अध्यक्ष फरहत नकवी से मुलाकात की है। फरहत नकवी ने बताया कि ससुरालियों को किसी सपा नेता ने उकसाया है। सपा की हार होते ही उन्होंने तीन तलाक की धमकी ससुरालियों से दिलवाई है। अभी हमने पीड़ित पक्ष को सुना है। लड़के पक्ष से संपर्क नहीं हो पा रहा है। जैसे ही लड़के पक्ष से बात हो जाएगी हम दोनों पक्ष के बीच एक काउंसलिंग कराई जाएगी।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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