मनोज ठाकुर
भगवंत मान की कैबिनेट में 10 मंत्रियों की नियुक्ति की गई है। इसमें प्रो. बलजिंदर कौर को जगह नहीं मिली, जबकि वह लगातार दो बार तलवंडी साबो से विधायक बनी हैं। कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से वह नाराज हैं। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उनका दर्द साफ नजर आ रहा है। इस पोस्ट की दो पंक्तियां हैं जिनका बहुत गहरा अर्थ है।
उन्होंने लिखा, ''जहां हमें अपनों के सामने अपनी सच्चाई साबित करनी पड़े, वहां हम बुरे ही ठीक हैं।'' उन्होंने इन लाइनों के माध्यम से अपनी बात रखी है। हालांकि इस बार क्योंकि जिस तरह से आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला है, इससे एक दो विधायक के नाराज होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है। लेकिन इससे किसी ने किसी स्तर पर सीएम के पद पर बैठे भगवंत मान की नेतृत्व कुशलता पर सवाल जरूर उठ रहे हैं।
आप को जिस तरह से बहुमत मिला है, इससे मतदाताओं को काफी उम्मीद है। पार्टी पर दबाव है कि इस उम्मीद पर खरा कैसे उतरना है। इसलिए मंत्रिमंडल पर यदि पार्टी के विधायक ही सवाल उठाएंगे तो आप को आने वाले समय में दिक्कत आ सकती है। 10 मंत्रियों में से सिर्फ दो विधायक दूसरी बार जीते हैं। कैबिनेट में सिर्फ एक महिला को शामिल किया गया है। चार अनुसूचित जाति मंत्रियों की नियुक्ति की गई है। इनमें दिर्बा से हरपाल सिंह चीमा, मलौत से बलजीत कौर, जंडियाला से हरभजन सिंह ईटीओ और बोआ से लालचंद शामिल हैं।
बरनाला से गुरमीत सिंह हेयर को भी मंत्री बनाया गया है। वह केजरीवाल के करीबी हैं। अजनाला से कुलदीप सिंह धालीवाल, पट्टी से लालजीत सिंह भुल्लर, होशियारपुर से ब्रह्मशंकर जिम्पा, मानसा से डॉ. विजय सिंगला और आनंदपुर साहिब से हरजोत सिंह बैंस को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है। भगवंत मान की कैबिनेट में मालवा से पांच, माझा से चार और दोआबा से एक मंत्री हैं।
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