अमेरिकी कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ सांसदों ने भारत से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन—रूस के बीच जारी युद्ध में शांति के लिए प्रयास करे। उन्होंने 18 मार्च को अमेरिका में भारत के राजदूत से भेंट के दौरान यह अपील की है।
बीते दो दिन में दूसरी बार अमेरिकी सांसदों ने भारत से अनुरोध किया है कि वह यूक्रेन के विरुद्ध रूस के सैन्य हमले की निंदा करे। अमेरिका के दो दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने भारत से अपील की है कि वह यूक्रेन पर रूसे हमले के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करे।
इन अमेरिकी सांसदों ने भारत से यूक्रेन में शांति की पहल करने का अनुरोध करने हुए कहा है कि भारत रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराए। अमेरिकी सांसद के इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई जो विल्सन तथा भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसमैन रो खन्ना कर रहे थे। उन्होंने इस सिलसिले में अमेरिका की राजधानी वाशिंग्टन में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू से भी विस्तृत बातचीत की।
अमेरिकी सांसदों ने भारत से यूक्रेन में शांति की पहल करने का अनुरोध करने हुए कहा है कि भारत रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराए। अमेरिकी सांसद के इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई जो विल्सन तथा भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसमैन रो खन्ना कर रहे थे।
सांसद रो खन्ना ने राजदूत संधू के साथ वार्ता में सांसद विल्सन के भी सम्मिलित होने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा नागरिकों को निशाना बनाए जाने के विरुद्ध आवाज उठाए। खन्ना ने वार्ता के बाद किए एक ट्वीट में लिखा, 'दोनों दलों के भारत के दोस्त उससे शांति के लिए अपने असर का उपयोग करने का अनुरोध कर रहे हैं। उधर अमेरिकी सांसद विल्सन ने ट्वीट किया, 'यह बहुत जरूरी है कि दुनिया के नेता पुतिन द्वारा यूक्रेन में किए जा रहे अत्याचारों की निंदा करें'।
संधु से सांसदों की इस भेंट से एक दिन पूर्व, दो अमेरिकी सांसद, टेड डब्ल्यू. ल्यू और टॉम मालिनोवस्की ने भी भारत से युद्ध के लिए रूस की निंदा करने का अनुरोध किया था। इन सांसदों ने संधु को पत्र लिखकर कहा था—''हम रूस के साथ भारत की दोस्ती को समझते हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में युद्ध पर मतदान के दौरान भारत के अनुपस्थित रहने से निराशा हुई है''।
इस हफ्ते के शुरू में भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा ने भी संयुक्त राष्ट्र में रूस के विरुद्ध मतदान में भारत के गैरहाजिर रहने पर अफसोस जताया था। बेरा ने कहा था कि भारत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को अनदेखा करते हुए रूस से कम कीमत में कथित तौर पर तेल खरीद रहा है, यह और भी खेदजनक है। यह तो पुतिन को एक तरह के जीवनदान देने जैसा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रूस की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है।
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