क्या यूएन में हावी हैं मजहबी तत्व! 15 मार्च को 'इस्लामोफोबिया के प्रतिकार का अंतरराष्ट्रीय दिवस' मनाने के फैसले पर भारत की तीखी टिप्पणी
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

क्या यूएन में हावी हैं मजहबी तत्व! 15 मार्च को ‘इस्लामोफोबिया के प्रतिकार का अंतरराष्ट्रीय दिवस’ मनाने के फैसले पर भारत की तीखी टिप्पणी

by Alok Goswami
Mar 16, 2022, 01:47 am IST
in विश्व, दिल्ली
अप्रैल 2019 में केयरो की अल अजहर मस्जिद में 'इस्लामोफोबिया' पर चिंता जताई थी संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतेरस ने (फाइल चित्र)

अप्रैल 2019 में केयरो की अल अजहर मस्जिद में 'इस्लामोफोबिया' पर चिंता जताई थी संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतेरस ने (फाइल चित्र)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने 'एजेंडा आइटम कल्चर ऑफ पीस' के अंतर्गत यह प्रस्ताव रखा गया था, जो पारित हो गया

संयुक्त राष्ट्र की एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। प्राप्त समाचारों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा में 14 मार्च को 15 मार्च का दिन 'इस्लामोफोबिया के प्रतिकार का अंतरराष्ट्रीय दिवस' के तौर पर मनाने का प्रस्ताव पारित हुआ जिससे ह भनक मिलती है कि वहां भी मजहबी तत्व हावी हैं। हालांकि भारत ने इस प्रस्ताव पर गहन चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने मजहब विशेष के विरुद्ध फोबिया को इस हद तक तूल देने पर चिंता जताई कि इसके लिए 'अंतरराष्ट्रीय दिवस' घोषित किया जाए! 

उल्लेखनीय है कि भारत और यहां की संस्कृति, हिन्दू धर्म पर इस्लामवादी हमेशा से घातक प्रहार करते आए हैं। मजहबी उन्मादी और उनके पोसने, बढ़ाने वाला ईकोसिस्टम और नफरत से भरा विमर्श कहां से और कैसे चलाया जाता रहा है इसके प्रमाण बार—बार सामने आए हैं। ताजा मामला हिजाब मुद्दे का है जिस पर उक्त तत्वों ने न सिर्फ भारत में एक उन्मादी अभियान चलाया हुआ है, बल्कि इनके संजाल ने दुनिया के अनेक देशों में इसे लेकर भारत में 'मजहब विशेष के प्रति असहिष्णुता' का झूठा आंदोलन छेड़ा हुआ है। भारत के आस्था केन्द्रों पर इस्लामवादियों के सतत प्रहार, हिन्दू की बात करने वालों को 'साम्प्रदायिक' और धर्म—संस्कृति से जुड़ी बात को 'भगवा एजेंडा' कहकर दुष्प्रचारित किया जाता रहा है।   

 


भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत यहूदी-विरोधी, क्रिश्चिनियोफोबिया अथवा इस्लामोफोबिया से प्रेरित होने वाले सभी कृत्यों की भर्त्सना करता है। ये डर सिर्फ अब्राह्मिक पंथों तक सीमित नहीं है। असल में इस बात के साफ सबूत हैं कि दशकों से इस तरह के मजहबी भय ने वास्तव में गैर-अब्राह्मिक पंथों यानी बहुईश्वरवाद के अनुयायियों पर भी असर डाला है।


 

लेकिन अब 193 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 15 मार्च का दिन 'इस्लामोफोबिया के प्रतिकार का अंतरराष्ट्रीय दिवस' के तौर पर मनाने की बात करना हैरानी पैदा कर रहा है। पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने 'एजेंडा आइटम कल्चर ऑफ पीस' के अंतर्गत यह प्रस्ताव रखा गया था, जो पारित हो गया। 

इस्लामिक सहयोग संगठन की तरफ से प्रस्तुत इस प्रस्ताव के सहप्रायोजित किया था अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, मिस्र, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, जॉर्डन, कजाकिस्तान, कुवैत, किर्गिस्तान, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, मालदीव, माली ,पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, युगांडा, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान तथा यमन ने। 

पा​रित हुए इस प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए महासभा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि पारित किया गया यह प्रस्ताव एक उदाहरण के तौर पर नहीं लिया जाएगा। ये प्रस्ताव कुछ खास पंथों के आधार पर ऐसे कई प्रस्तावों को सामने रख सकता है। यह संयुक्त राष्ट्र को पांथिक खेमों में बांट देगा।

तिरुमर्ति ने आगे कहा कि हिंदू धर्म को 1.2 अरब से ज्यादा लोग मानते हैं। बौद्ध धर्म को 53.5 करोड़ से ज्यादा सिख पंथ को 3 करोड़ से ज्यादा लोग मानते हैं। तिरुमूर्ति के अनुसार, अब वक्त आ गया है कि हम केवल एक मजहब को अलग न रखते हुए, किसी भी पंथ से होने वाले डर को फैलने से रोकने की बात अंगीकार की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरी है कि संयुक्त राष्ट्र इस तरह के पांथिक विषयों से अलग रहे, जो शांति और सद्भाव को साथ लाकर दुनिया को एक परिवार के रूप में न मान कर हमें आपस में बांटने की कोशिश कर सकते हैं।

भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत यहूदी-विरोधी, क्रिश्चिनियोफोबिया अथवा इस्लामोफोबिया से प्रेरित होने वाले सभी कृत्यों की भर्त्सना करता है। ये डर सिर्फ अब्राह्मिक पंथों तक सीमित नहीं है। असल में इस बात के साफ सबूत हैं कि दशकों से इस तरह के मजहबी भय ने वास्तव में गैर-अब्राह्मिक पंथों यानी बहुईश्वरवाद के अनुयायियों पर भी असर डाला है। 

उन्होंने कहा कि भारत इस बात पर गर्व करता है कि इसके अस्तित्व के मूल में बहुलवाद है। हम सभी पंथों और आस्था के समान संरक्षण तथा प्रचार में गहन विश्वास रखते हैं। इसलिए, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बहुलवाद शब्द का इस प्रस्ताव में कहीं कोई जिक्र नहीं है। 
 

Alok Goswami
Journalist at Bahrat Prakashan | Website

A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth  of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.

  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jul 12, 2025, 12:17 pm IST
    जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!
  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jul 10, 2025, 12:17 pm IST
    ‘खुफिया विभाग से जुड़े सब सीखें अरबी, समझें कुरान!’ Israel सरकार के इस फैसले के अर्थ क्या?
  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jul 9, 2025, 07:15 pm IST
    जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’
  • Alok Goswami
    https://panchjanya.com/author/alok-goswami/
    Jul 9, 2025, 02:55 pm IST
    ‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies