देवभूमि उत्तराखंड में प्लास्टिक कचरा बढ़ रहा है। इस पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू ने सभी जिलाधिकारियों को प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स के सम्बन्ध में बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का प्रयोग जहां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, वहीं पर्यटन के लिहाज से इका प्रयोग रोकना बहुत आवश्यक है। प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। इसके लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ ही कुछ विशेष कदम उठाए जाएं।
उन्होंने प्लास्टिक पर रोक की शुरुआत अपने-अपने कार्यालयों से शुरू करने का निर्देश दिया। पहल सचिवालय से होगी। सभी जिलाधिकारियों को केंद्र और राज्य द्वारा लागू नीतियों का 100 प्रतिशत पालन कराना सुनिश्चित करना होगा। व्यापारियों एवं आमजन को फोटो, वीडियो, वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिये लोगों को जानकारी दी जाए। प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दें, प्लास्टिक के कारोबार को हतोत्साहित करने के लिए यदि नीतियों में परिवर्तन करने की आवश्यकता हो तो करें। सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों को प्लास्टिक मुक्त बनाएं।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सड़कों के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि एक पर्यटन प्रदेश में सड़कों, विशेषकर ऐसी सड़कें जहां दोनों और खूबसूरत जंगल हैं, के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक पर्यटकों के मन में बहुत ही खराब छाप छोड़ते हैं। उन्होंने सड़कों के दोनों और जमा प्लास्टिक को 10-15 दिन के अंदर साफ करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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