बदलाव और पंजाब के हालात बदलने के नाम पर आम आदमी पार्टी ने मतदाता से मत लिया। मतदाता ने भी आप पार्टी के इस वादे पर पूरा यकीन किया। अब हकीकत सामने हैं। यदि यह समारोह राज्य भवन में होता तो इस पर इससे बहुत कम खर्च आना था। अभी तक पंजाब में जितने भी सीएम बने, सभी ने राजभवन में ही शपथ ली। यह पहला मौका है, जब पंजाब सरकार राजभवन से बाहर शपथ लेने जा रही है। इसकी तैयारियों को लेकर पंजाब के अधिकारी अभी से गांव में डेरा डाले हुए हैं।
एडीजीपी समेत 35 सीनियर अधिकारी मौके पर डटे हैं। चार हेलीपैड बनाए गए हैं। एक लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। खाने का भी विशेष इंतजाम किया जा रहा है। प्रशासन ने पचास एकड़ जमीन कुछ दिनों के लिए किराए पर ली है, इस जमीन पर गेहूं व गन्ने की फसल थी। प्रशासन ने वादा किया कि इसका मुआवजा दिया जाएगा। इस जमीन पर 25 हजार गाड़ियों के पार्किंग बनाई जा रही है। यहां दिन रात कम चल रहा है। सैकड़ों मजदूर अस्थाई निर्माण में लगे हुए हैं। 14 मार्च तक सभी कार्यों को अंतिम रूप देना है। इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रिहर्सल होगी।
पंजाब के सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश शर्मा ने बताया कि इतना खर्च तो राजशाही का प्रतीक है, यह आम आदमी का शपथ ग्रहण समारोह कैसे हो गया? आम आदमी पार्टी के भी कहने और करने में अंतर है। उन्होंने बताया कि यह कैसे बदलाव है, शपथ ग्रहण पर इतना भारी खर्च करना किसी भी मायने में सही नहीं है। इस खर्च से बचा जाना चाहिए था।
उन्होंने बताया कि इस वक्त पंजाब की आर्थिक हालत बहुत खराब है, कर्ज तेजी से बढ़ रहा है। इसके बाद भी इस तरह से खर्च करना किसी मायने में सही नहीं है।फिर तो यह ही बोला जा सकता है कि आम आदमी पार्टी और दूसरी पारंपरिक पार्टियों में अंतर आखिर है कहां?
दूसरी ओर खटखड़कलां के निवासियों ने बताया कि पूरे चुनाव प्रचार के दौरार यहां कोई बड़ा नेता आया ही नहीं। बलिदानी भगत सिंह का जो घर है, वह भी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के समय में संवारा गया था। इसके आगे एक पार्क का निर्माण किया गया था। तब से लेकर अभी तक बलिदानी का घर और पार्क उपेक्षा का शिकार रहे हैं। यहां लगे झूलों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
बलिदानी भगत सिंह का घर गांव से बाहर बना हुआ है। पुरानी ईंटों से बने इस घर के आंगन में एक कुआं भी बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि हर रोज यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। लेकिन यहां अभी तक बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोई सुविधा नहीं है। लोग आते हैं, मकान देखते हैं, कुछ देर पार्क में बैठने के बाद चले जाते हैं। हालांकि भगत सिंह के परिवार की जमीन थी, लेकिन बाद में यह परिवार जमीन बेच कर यहां से चला गया था।
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर चल रहे कामों से गांव के लोग खुश नहीं है। इनका कहना है कि यह पैसे की बर्बादी है। ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि वास्तव में आम आदमी सरकार बलिदानी भगत सिंह के अदर्शों पर चलना चाह रही है तो फिर गांव में विकास कराया जाए। जिससे यह लगे कि वह बलिदानी के गांव के रहने वाले हैं।
गांव को आदर्श गांव बनाया जाए। यहां बाहर से आने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं मिले। इस दिशा में काम किया जाना चाहिए। गांव के विकास की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। जिससे यहां के निवासियों का जीवन स्तर कुछ हद तक सुधर सके। शपथ लेने से क्या होगा? उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए बोला।
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