पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ जानवर से भी ज्यादा बुरा व्यवहार हो रहा है। जिहादी तत्व 10—12 साल की हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उनका निकाह किसी अधेड़ मुसलमान पुरुष के साथ कर देते हैं। जो लोग इसका विरोध करते हैं, उन्हें मार दिया जाता है। इस तरह की घटनाएं इतनी ज्यादा हो रही हैं कि वहां के हिंदू भारत आने के लिए तड़पते रहते हैं और अवसर मिलते ही भारत आ जाते हैं। दिल्ली में कई स्थानों पर ऐसे हजारों पाकिस्तानी हिंदू रह रहे हैं। इनमें से एक है मजनू का टीला। यहां लगभग 1,000 पाकिस्तानी हिंदू रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं और पुरुष हैं। यमुना नदी के किनारे स्थित इस छोटी जगह पर इतने लोग बहुत ही मुश्किल से रह रहे हैं। ज्यादातर परिवार झुग्गी डालकर रहते हैं। वहीं कुछ परिवारों को खुले आसमान के नीचे गुजारा करना पड़ रहा है। सेवा भारती, विश्व हिंदू परिषद जैसी कुछ संस्थाएं इनकी मदद कर रही हैं। इन हिंदुओं को अरविंद केजरीवाल की सरकार देखना भी पसंद नहीं करती है। इस कारण इनके लिए कोई सरकारी सुविधा नहीं है। ये हिंदू बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं।
महिलाएं और पुरुष रोटी—पानी के जुगाड़ के लिए दिनभर बाहर रहते हैं। ऐसे में उनके बच्चों की देखरेख करने वाला कोई नहीं होता है। अब उन बच्चों को संस्कारित करने और पढ़ाने का बीड़ा 'मानव मंदिर गुरुकुल' ने उठाया है। पिछले दिनों इस संगठन ने मजनू के टीले पर एक संस्कार केंद्र और प्राथमिक पाठशाला शुरू किया है। इसके साथ ही वहां की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई केंद्र का भी शुभारंभ किया है। जैन संत महाराजश्री रूपचंद जी के करकमलों से केंद्र का उद्घाटन हुआ। महाराजश्री रूपचंद जी ही 'मानव मंदिर गुरुकुल' के संस्थापक हैं। मानव मंदिर की प्रभारी साध्वी समताश्री ने बताया कि महाराजश्री रूपचंद जी ने अनाथ और गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए ही पूरा जीवन लगा दिया है। अब महाराजश्री ने पाकिस्तानी हिंदुओं को स्वावलंबी बनाने का निर्णय लिया है और उनके बच्चों को योग्य नागरिक बनाने का बीड़ा उठाया है। इसके साथ ही 18 वर्ष के वे पाकिस्तानी हिंदू युवा, जो दर—दर भटक रहे हैं, उन्हें वाहन चलाने का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। बस शर्त इतनी सी है कि उन युवाओं को ही प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो किसी तरह का नशा नहीं करते हैं और शाकाहारी हैं।
केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर अखिल भारतीय धर्म प्रचार समिति के कार्यकारी अध्यक्ष श्री स्वदेशपाल गुप्ता, विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री बलबीर सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित थे। श्री बलबीर सिंह ने बताया कि यहां चलने वाले संस्कार केंद्र, सिलाई केंद्र और पाठशाला का सारा खर्च 'मानस मंदिर गुरुकुल' करेगा और विहिप के कार्यकर्ता अन्य तरह की मदद देंगे।
बता दें कि 'मानस मंदिर गुरुकुल' सराय काले खां के पास यमुना नदी के किनारे है। यहां 1994 से ही गरीब और अनाथ बच्चों को रखकर पढ़ाया जाता है। यहां रहने वाले बच्चे नेहरू नगर और अमर कालोनी स्थित सरस्वती विद्या मंदिरों में पढ़ते हैं। इनका पूरा खर्च मानस मंदिर अपने दानदाताओं के सहयोग से उठाता है। मानव मंदिर ने अब तक लगभग 1,000 अनाथ और गरीब बच्चों को सम्मानजनक जीवन जीने योग्य बनाया है।
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