अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान और भारत के क्वाड से चीन की बौखलाहट कम नहीं हो रही है और इस बीच एक नए क्वाड की सुगबुगाहट ने बीजिंग की नींद उड़ा दी है। चीन की हिंद महासागर पर दादागिरी की तोड़ अब ज्यादा दूर नहीं है। भारत की पहल पर अब इसके पड़ोसी देशों के साथ एक ऐसा नया क्वाड खड़ा किया जा रहा है जो चीन को इस इलाके में चार तरफ से घेरने की जुगत भिड़ा रहा है। इस तरह चीन को घेरने के लिए भारत ने कदम बढ़ाया है।
हाल ही में कोलंबो में संपन्न हुए कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव में भारत के एनएसए अजित डोवल की उपस्थिति नए संकेत दे रही है। अब पड़ोसी देशों मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश, मारीशस और सेशेल्स के साथ तालमेल करते हुए एक नए क्वाड की रूपरेखा तैयार हुई है। बता दें कि पहले मॉरीशस इससे नहीं जुड़ा था, पर अब वह भी इसमें शामिल हो गया है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण चीन सागर पर अपना सिक्का जमाए बैठे चीन ने इधर हिंद महासागर में भी कुछ वैसी ही हरकतें करना शुरू किया है। कम्युनिस्ट ड्रैगन का यह इरादा दरअसल भारत को घेरने की उसकी 'स्ट्रिंग आफ पर्ल्स' नीति का ही एक पहलू माना जा रहा है। उसने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। लेकिन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल इस पर गंभीर नजर रखे हुए हैं। अभी दो दिन पहले उन्होंने पड़ोसी देशों से अपील की कि वे हिंद महासागर में सहयोग बढ़ाएं जिससे कि तमाम साझा रक्षा चुनौतियों का मुकाबला करना आसान हो। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर वाले इस कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव में मॉरीशस भी जुड़ गया है। इसे हिंद महासागर में भारत की अगुआई में एक नया 'क्वॉड' बताया जा रहा है।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य हिंद महासागर के माध्यम से आपस में जुड़े हुए तमाम देशों में आपसी सहयोग को बढ़ाया जाए, जिससे साझा सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला किया जा सके। मालदीव में हुए इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव में भारत, मालदीव, श्रीलंका, मॉरीशस, सेशेल्स और बांग्लादेश से आए अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
इस बारे में मालदीव उच्चायोग ने एक ट्वीट किया है। इसमें बताया गया है कि हिंद महासागर के माध्यम से आपस में जुड़े हुए तमाम देशों में आपसी सहयोग को बढ़ाया जाए, जिससे साझा सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला किया जा सके। मालदीव में हुए इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव में भारत, मालदीव, श्रीलंका, मॉरीशस, सेशेल्स और बांग्लादेश से आए अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी ने सम्मेलन में मालदीव के सामने मौजूद क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं की चर्चा की।
मालदीव की रक्षा मंत्री ने कहा कि उनका देश नशीले पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, समुद्री लुटेरों, मछुआरों और उग्र अतिवादी तत्वों का सामना कर रहा है। उन्होंने इस कॉन्क्लेव में मॉरिशस की सदस्यता का स्वागत किया। इससे इसके सदस्य देशों की संख्या अब बढ़कर चार हो गई है। इस मौके पर मालदीव की रक्षा मंत्री ने उम्मीद व्यक्त की कि पर्यवेक्षक के तौर पर जुड़े सदस्य जल्दी ही सम्मेलन में शामिल होंगे।
बता दें कि पिछले साल नवंबर में भारत, मालदीव तथा श्रीलंका ने हिंद महासागर क्षेत्र में दो दिन का समुद्री अभियान चलाया था, जिसका मकसद था हिन्द महासागर को सुरक्षित रखना। साथ ही मकसद था हिंद महासागर के इलाके को अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिए सुरक्षित रखना। उक्त तीन देशों की नौसेनाओं के पोत तथा विमान प्रथम 'कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव फोकस्ड ऑपरेशन' में शामिल भी हुए थे।
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