पाकिस्तान की पुलिस की एक हरकत से उसके बड़े पक्के 'दोस्त और हमराज' तानाशाह किम का उत्तर कोरिया मुंह फुलाए बैठा है। इस सप्ताह के शुरू में पाकिस्तान की पुलिस ने जो किया है उससे उसका 'दोस्त देश' लाल—पीला हो रहा है। पुलिस राजधानी इस्लामाबाद में स्थित उत्तर कोरिया के दूतावास में छापा मारने जो पहुंच गई थी। पुलिस कहती है, उसे दूतावास में बड़ी मात्रा में शराब रखे होने की जानकारी मिली थी। इसीलिए वह वहां छापा मारने गई थी। लेकिन इस हरकत पर उत्तर कोरिया के दूतावास की त्योरियां चढ़ गई हैं। उसने फौरन प्रशासन को इस कार्रवाई का विरोध करते हुए पत्र दाग दिया।
अपनी आपत्ति जताते हुए तानाशाह के देश के अधिकारियों ने लिखा कि पाकिस्तान की यह हिमाकत विएना संधि का उल्लंघन है। यहां गौर करने वाली बात है कि संधि की बात वह देश कर रहा है जिसके शब्दकोश में शांति और संधि जैसे शब्द हैं ही नहीं।
बताया गया है कि पुलिस की इस कार्रवाई में उत्तर कोरिया के दूतावास की इमारत को भी कुछ नुकसान हुआ है। अखबर द डॉन की रिपोर्ट बताती है कि उत्तर कोरियाई दूतावास ने इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक को चिट्ठी लिखकर न सिर्फ अपनी नाराजगी से अवगत कराया है बल्कि लिखा है कि एफ 10 थाने के एक महिला पुलिसकर्मी सहित सात पुलिस वाले सोमवार को जबरन दूतावास में घुस आए। यह गैर कानूनी है।
दूतावास द्वारा पुलिस विभाग को लिखा गया है कि 'दूतावास कर्मियों ने पुलिस वालों से कहा कि यह उत्तर कोरिया का संप्रभु क्षेत्र है। पुलिस को फौरन यह छापेमारी रोकनी चाहिए। पुलिस वालों ने दूतावास स्टाफ के कर्मचारियों की बात अनसुनी करते हुए तलाशी लेनी शुरू कर दी। उन्होंने चीजें जब्त करने के बहाने पीछे जाकर स्टोर रूम की तलाशी ली। इतना ही नहीं, पुलिस ने बंदूक दिखाकर स्टाफ को डराया'।
पत्र में आगे लिखा गया है कि 'दूतावास कर्मियों ने पुलिस वालों से कहा कि यह उत्तर कोरिया का संप्रभु क्षेत्र है। पुलिस को फौरन यह छापेमारी रोकनी चाहिए। लेकिन पुलिस वालों ने दूतावास स्टाफ के कर्मचारियों की बात अनसुनी करते हुए तलाशी लेनी शुरू कर दी। उन्होंने चीजें जब्त करने के बहाने पीछे जाकर स्टोर रूम की तलाशी ली। इतना ही नहीं, पुलिस ने बंदूक दिखाकर स्टाफ को डराया'।
तानाशाह देश का दूतावास अपनी चिट्ठी में आगे लिखता है, 'पुलिस वालों ने बाहर के दरवाजे को तोड़ दिया और तहखाने में जाकर तोड़—फोड़ की'। दिलचस्प बात है कि उत्तर कोरिया वालों को इसमें 'किसी बाहरी ताकत का हाथ' नजर आता है। उत्तर कोरिया की तरफ से पाकिस्तान के विदेश विभाग और सुरक्षा अधिकारियों से इस घटना में शामिल लोगों की पूरी जांच करने की मांग की गई है।
शराब ढूंढने गई इस्लामाबाद पुलिस ने ये तो नहीं बताया कि उत्तर कोरिया के उस दूतावास में से शराब की कितनी बोतलें मिलीं और उनका क्या हुआ। लेकिन पता चला है एक बड़े पुलिस अधिकारी ने घटना की तीन दिन में जांच करके रिपोर्ट देने के आदेश जारी किए हैं।
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