अमेरिका की जानी—मानी मानवाधिकार विशेषज्ञ अमृत कौर आकरे ने अमेरिका के सांसदों से अपील की है कि अपने यहां सिख समुदाय के विरुद्ध बढ़ रहे धार्मिक भेदभाव तथा घृणा को कम करने का प्रयास करें। उनके अनुसार सिख समुदाय के विरुद्ध इससे जुड़े अपराध हाल के वर्षों में ज्यादा देखने में आए हैं। अमृत कौर ने सरकार और अमेरिकी संसद से अपील की है कि इसे खत्म करने के लिए कदम उठाए जाएं।
मानवाधिकार विशेषज्ञ मानी जाने वालीं अमृत कौर ने हाल ही में भेदभाव तथा नागरिक अधिकारों पर संसद में संविधान, नागरिक अधिकार और नागरिक आजादी पर सदन की न्यायिक उप समिति के तमाम सदस्यों को इस बारे में विस्तार से बताया। अमृत कौर आकरे सिखों की पैरवी करने वाली संस्था ‘सिख कोएलिशन’ की कानूनी मामलों की निदेशक हैं।
अमृत कौर का कहना है कि सरकार की नीतियों तथा कानूनों की भेदभावपूर्ण समीक्षा से परिवहन, मनोरंजन, स्वास्थ्य की चिंता, सैन्य तथा कानून प्रवर्तन और सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की नौकरियों में सिखों की अनदेखी की जाती है। कई मौकों पर सिखों को काम से जुड़ी जांच के संदर्भ में अपने बाल काटने को कहा जाता है।
उनका कहना है कि सरकार की नीतियों तथा कानूनों की भेदभावपूर्ण समीक्षा से परिवहन, मनोरंजन, स्वास्थ्य की चिंता, सैन्य तथा कानून प्रवर्तन और सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की नौकरियों में सिखों की अनदेखी की जाती है। कई मौकों पर सिखों को काम से जुड़ी जांच के संदर्भ में अपने बाल काटने को कहा जाता है।
अमेरिकी सांसद शीला जैक्सन ली का कहना है कि अमेरिका में पगड़ी पहनने वाले सिख लड़कों को 'आतंकवादी' समझा जाता है। लड़कियों को लंबे बाल रखने पर परेशान किया जाता है। कई बच्चों को हिंसा झेलनी पड़ती है। एक अध्ययन से पता चलता है कि 50 फीसदी से ज्यादा सिख बच्चों ने स्कूलों में दूसरे छात्रों का उत्पीड़न सहा है। इस पर सांसद प्रमिला जयपाल ने भी सिखों से जुड़ी ऐसी घटनाओं की भर्त्सना की।
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