यूक्रेन में एक पाकिस्तानी छात्रा को सुरक्षित निकालने में भारतीय दूतावास ने मदद की जिसकी जानकारी खुद पाकिस्तानी छात्रा ने वीडियो शेयर करके दी। जो की सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।
अस्मा शफीक नाम की पाकिस्तानी छात्रा ने वीडियो जारी कर कहा, “मेरा नाम अस्मा शफीक है, “मैं पाकिस्तान से हूं, मैं कीव में भारत के दूतावास का धन्यवाद करती हूं, कि उन्होंने कठिन परिस्थिति में हमारी मदद की, मैं भारत के पीएम का भी धन्यवाद करती हूं। हमारी मदद करने के लिए धन्यवाद। भारतीय दूतावास की वजह से हम अपने घर सुरक्षित पहुंच पा रहे हैं”।
जानकारी के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने अस्मा को सैन्य अभियान से घिरे क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकालकर उसे पश्चिमी यूक्रेन भेजने की व्यवस्था की है, ताकि वहां से वो अपने देश वापस लौट सके।
वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से 9 बांग्लादेशी नागरिकों को बचाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद व्यक्त किया। ऑपरेशन के दौरान भारतीयों के अलावा नेपाल और ट्यूनीशिया के छात्रों को भी रेस्क्यू कर निकाला गया है।
पाकिस्तानी छात्रा ने उड़ाई थी इमरान की खिल्ली
भारत के ऑपरेशन गंगा को देखते हुए कई पाकिस्तानी छात्र-छात्राओं ने इमरान सरकार पर निशाना साधा, कई पाकिस्तानी छात्रों ने अपनी सरकार से पूछा था की वह उन्हें कैसे निकलेगें। अभी कुछ दिनों पहले ही यूक्रेन में फंसी पाकिस्तानी छात्रा ने भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे ऑपरेशन गंगा की तारीफ करते हुए एक वीडियो ट्वीट कर कहा था कि “हमसे बेहतर तो इंडिया है। यहां फंसे इंडियंस को कोई दिक्कत नहीं हो रही, उन्हें अपने मुल्क ले जाया जा रहा है। हमें पाकिस्तानी होने का नुकसान हो रहा है”
भारतीय छात्र ने भी की थी मदद
इससे पहले एक भारतीय छात्र अंकित यादव ने भी एक पाकिस्तानी युवती की मदद की थी। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी हमले के बीच यूक्रेन में फंसे अंकित ने न केवल खुद को बचाया बल्कि कीव में पढ़ रही एक पाकिस्तानी लड़की को रोमानियाई सीमा तक पहुंचने में मदद की थी। जहां से उसे पाकिस्तान ले जाया गया।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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