इन दिनों झारखंड का जमशेदपुर शहर रह—रह कर सुलग रहा है। इसके पीेछे वे तत्व हैं, जो अपनी असली पहचान छुपाकर कन्वर्जन का काम कर रहे हैं। कुछ दिनों के अंदर जमशेदपुर में कन्वर्जन के कई मामले आए। बजरंग दल सिंहभूम विभाग के संयोजक जनार्दन पाण्डेय कहते हैं,''कन्वर्जन का काम राज्य सरकार की शह पर हो रहा है। इस कारण जो लोग कन्वर्जन का विरोध करते हैं, उनके विरुद्ध तुरंत कोई झूठा आरोप लगाकर कार्रवाई की जाती है। यही जमशेदपुर में हो रहा है।''
उल्लेखनीय है कि गत दिनों जमशेदपुर के गोलमुरी नामदा बस्ती के नानक नगर में एक चंगाई सभा हुई थी। कहा जाता है कि इसके आयोजक पास्टर रवि सिंह और विश्वजीत सिंह थे। जनार्दन पाण्डेय का कहना है कि ये लोग जमशेदपुर में पिछले 5 वर्ष से हिन्दुओं और सिखों का कन्वर्जन करवा रहे हैं। समय—समय पर कई संगठनों ने प्रशासन को बताया है कि ये लोग कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कन्वर्जन करा रहे ह्रैं। इसके बाद भी कन्वर्जन कराने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण बिना रोक—टोक कन्वर्जन का काम होता रहा।
गत दिनों विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को पता चला कि नानक नगर में ईसाई संगठन से जुड़े लोग कन्वर्जन करा रहे हैं, तब उन्होंने उसका विरोध किया। इस कारण चंगाई सभा बंद हो गई, लेकिन प्रशासन ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के 64 कार्यकर्ताओं और 100 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया। हिंदू पीठ के संरक्षक अरुण सिंह कहते हैं कि झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार फादर(चर्च) एवं चादर (मजार) की सरकार है। कन्वर्जन के पीछे फादर और चादर वाले ही हैं इस कारण उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती है। हां, जो लोग कन्वर्जन का विरोध करते हैं, उनके विरुद्ध तुरंत मामला दर्ज कर लिया जाता है।
इस कारण 4 मार्च को कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। अंत में एक प्रतिनिधिमंडल ने डीडीसी प्रदीप प्रसाद को ज्ञापन सौंपा। विश्व हिंदू परिषद, जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि जमशेदपुर में आए दिन हिंदुत्ववादी संगठनों के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है, उनके ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने उपायुक्त से मांग की कि गोलमुरी एवं साकची थाने में दर्ज उपरोक्त मामलों को वापस लिया जाए, अन्यथा हिंदुत्ववादी संगठन आंदोलन करने को विवश होंगे।
लोगों ने बताया कि चंगाई सभा करने वाला रवि सिंह पहले सिख था। कुछ समय पहले वह ईसाई बना है, लेकिन चंगाई सभा के दौरान वह अभी भी पगड़ी पहनता है। इस कारण सिखों में गुस्सा है। उनका कहना है कि ईसाई बन चुका रवि सिंह पगड़ी पहनकर सिख पंथ का अपमान कर रहा है। यही कारण है कि जमशेदपुर का सिख समाज भी चाहता है कि पास्टर रवि सिंह के विरुद्ध कार्रवाई हो, लेकिन सरकार उनकी बात सुनती ही नहीं है।
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