पिछले दिनों जम्मू—कश्मीर स्थित दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में 40 से 50 हंगुल का एक बड़ा झुंड देखा गया है। दशकों बाद यह पहला मौका है जब कश्मीरी हिरण ‘हंगुल’ की संख्या में इस तरह की वृद्धि हुई है। इस बारे में कश्मीर के राशिद नकाश जो कि रीजनल वाइल्डलाइफ वार्डन हैं, ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में राष्ट्रीय उद्यान की बर्फ से ढकी ढलानों पर लगभग 40 से 50 हंगुल के झुंड को देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि हंगुल की संख्या में 90 के दशक की शुरुआत में तेजी से गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन कुछ सालों में वन्यजीव विभाग के संरक्षण प्रयासों के कारण इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। बता दें कि हंगुल लुप्तप्राय प्रजाति है, जो मुख्य रूप से दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान और कश्मीर में इसके आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है। नर हंगुल के सींग और भूरा लाल कोट विशेषता है। मादा हंगुल के सींग नहीं होते हैं। दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान को गंभीर रूप से संकटग्रस्त हंगुल का अंतिम निवास स्थान कहा जाता है, जो 11 से 16 अंकों के साथ अपने शानदार सींगों के लिए जाना जाता है और उपमहाद्वीप में यूरोप के लाल हिरण परिवार की एकमात्र जीवित प्रजाति है।
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