रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का आज पांचवा दिन है. यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव शहर पर रूसी सेना के लगातार हमले जारी है। इधर भारतीयों को यूक्रेन से निकालने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नया प्लान बनाया है। इसमें यूक्रेन की सीमा से लगे 4 देशों में चार मंत्रियों को भेजा जाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि यूक्रेन की सीमा से लगे 4 देशों में हमने विशेष दूत तैनात करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया जाएंगे, किरेन रिजिजू स्लोवाक गणराज्य जाएंगे, हरदीप सिंह पुरी हंगरी जाएंगे, वीके सिंह पोलैंड जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये सब वहां समन्वय और निकासी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अब तक, लगभग 1,400 भारतीय नागरिकों को लेकर छह उड़ानें भारत आ चुकी हैं। बुखारेस्ट (रोमानिया) से चार उड़ानें और बुडापेस्ट (हंगरी) से दो उड़ानें आई हैं। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद से लगभग 8,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं।
अरिंदम बागची ने कहा कि हम सभी भारतीय नागरिक और छात्रों से आग्रह करते हैं कि आप पश्चिमी यूक्रेन की तरफ़ जाएं। आप वहां पर सीधे बॉर्डर की तरफ़ न जाएं। बॉर्डर पर बहुत भीड़ है। हम अनुरोध करते हैं आप नज़दीकी शहर में जाएं। आप वहां पर रुके हमारी टीमें वहां पर मदद करेंगी। हमारे पास मोल्दोवा के माध्यम से एक नया मार्ग है, यह अब शुरू हो गया है। हमारी टीम आपकी सहायता करेगी। हमारी टीमें रोमानिया के माध्यम से भारतीयों को निकालने में सहायता करेंगी। उन्होंने बताया कि भारतीय को यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अगर ज़रुरत पड़ेगी तो हम भारतीय वायुसेना की भी मदद लेंगे। उन्होंने कहा कि हम दवाओं के साथ मानवीय सहायता यूक्रेन भेजेंगे।
इधर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने पोलैंड के विदेश मामलों के मंत्री के साथ यूक्रेन के घटनाक्रम पर चर्चा की। उन्होंने आगे कहा कि हम यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए पोलैंड की मदद की सराहना करते हैं।
वहीं, यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस भारत लाने और पोलैंड जाने से पहले केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि मैं पोलैंड जा रहा हूं। हम समन्वय के साथ लोगों को निकालने की चेष्टा करेंगे। प्रधानमंत्री ने संदेश दिया हैं कि लोगों को सुरक्षित निकालकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाना है।
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