भारत की आन-बान और शान तिरंगा रूस और यूक्रेन की जंग के बीच भारतीय छात्रों की सुरक्षा का ढाल बना हुआ है। यूक्रेन में हर तरफ तबाही का मंजर और खौफ है। भारत ने करीब 500 नागरिकों को निकाल लिया है। 'ऑपरेशन गंगा' के तहत पिछले 24 घंटों में भारतीय नागरिकों को लेकर कुल तीन उड़ानें भरी गईं। इनमें से दो उड़ानें दिल्ली उतर भी चुकी हैं। तिरंगा हाथों में लिए भारतीयों का जत्था जब रवाना हुआ तो ट्विटर पर दनादन तस्वीरें आनी शुरू हुईं। इन तस्वीरों को दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत का सबूत पेश किया गया। ट्विटर पर 'मोदी है तो मुमकिन है' 'न्यू इंडिया' जैसे हैशटैग्स के साथ कई पोस्ट किए गए हैं। यूक्रेन के अलावा पिछले कुछ सालों के दौरान विदेश में किए गए अन्य रेस्क्यू मिशंस का भी जिक्र किया गया।
हाथों में तिरंगा देख रूसी सैनिकों ने किया सैल्यूट
यूक्रेन में फंसे कानपुर के श्यामनगर पीएसी कैंपस निवासी प्रशांत सिंह ने फोन पर अपने पिता को बताया कि गुरुवार रात हॉस्टल के ऊपर से कई लड़ाकू विमान सायरन बजाते गुजरे तो पूरे हॉस्टल में दहशत का माहौल फैल गया। प्रबंधन ने हॉस्टल की सभी लाइट बंद करवा दीं। मेरे साथ ही सैकड़ों छात्र रोमानिया की ओर बढ़ रहे थे, तभी रूसी सैनिक वहां से गुजरे। उन्हें देखकर एक बार तो हम लोग दहशत में आ गए। लेकिन सैनिकों ने हमारे हाथों में तिरंगा देखा और उसे सैल्यूट कर आगे बढ़ गए। प्रशांत के पिता नाहर सिंह ने जब पूरा वाकया सुना तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। साथ ही अब वे पूरी तरह से आश्वस्त भी नजर आ रहे कि तिरंगे की शरण में उनका बेटा सकुशल स्वदेश लौटेगा।
भारतीय दूतावास ने दी सलाह
बता दें कि यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा से लगे यूक्रेन के इलाके में आते समय अपने वाहनों पर तिरंगा चिपकाएं। दूतावास ने युद्धरत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को अपना पासपोर्ट, आपात खर्च के लिये नगद खासकर डॉलर और जरूरी सामान हमेशा साथ रखने के लिये कहा है।
दूतावास ने भारतीय नागरिकों को कहा है कि वे पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा चौकी की ओर बढ़ें क्योंकि उन्हें यूक्रेन से बाहर निकालने के लिये वहां शिविर स्थापित किये गये हैं।
भारत का हर बेटी-बेटा यूक्रेन से आएगा सुरक्षित, चल रहा 'आपरेशन गंगा'
रविवार को अपने चुनावी भाषण के बीच पीएम मोदी ने आश्वस्त किया कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को 'आपरेशन गंगा' के तहत सुरक्षित लाया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान वैश्विक हालात पर सबकी नजर है। ऐसे संकट के समय में भारत ने अपने हर एक नागरिक के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जहां भी संकट आया, अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आपरेशन गंगा चलाकर यू्रक्रेन से भी हजारों भारतीयों को वापस ला रहे हैं। हमारे जो भी बेटा-बेटी वहां हैं, उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए सरकार दिन रात काम कर रही है।
ऑपरेशन गंगा को मिल रहा भरपूर समर्थन
'ऑपरेशन गंगा' के तहत रेस्क्यू मिशन को पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया में सक्रिय किया गया है। इन देशों में यूक्रेन के साथ सीमा पर विशेष शिविर लगाए गए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 'ऑपरेशन गंगा' के लिए पूर्ण समर्थन देने के लिए अपने हंगरी के समकक्ष को धन्यवाद दिया। जयशंकर ने कहा कि 240 भारतीय नागरिकों के साथ ऑपरेशन गंगा की तीसरी उड़ान ने बुडापेस्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी है। बुडापेस्ट से दूसरी फ्लाइट शनिवार को 250 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुई। 219 भारतीय नागरिकों के साथ मुंबई के लिए रोमानिया से पहली उड़ान उड़ान भरी थी।
बता दें कि दूसरे देश की सीमा पर पहुंचे छात्रों ने बसों और अन्य वाहनों पर तिरंगा फहराया है। साथ ही बस और वाहन पर भारत सरकार के आदेश की प्रति भी चिपका दी गई है। तिरंगा देख वे रूसी सेना के जवान भी पूरे सम्मान के साथ बसों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। भारत पहुंचे छात्र के मुताबिक तिरंगा झंडा देखकर बसों को बिना रॉक टॉक के पूरे सम्मान के साथ आगे जाने दिया जा रहा है।
यूक्रेन में वाहनों पर प्रमुखता से लगाएं भारतीय ध्वज
वहीं इस संबंध में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, कहा, "सरकार ने छात्रों को भारतीय ध्वज अपने साथ ले जाने के लिए कहा है क्योंकि रूस ने भारतीय छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का वचन दिया है।'
रेड्डी ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के आसपास के देशों के मंत्रियों और प्रमुखों से बात की है। इसलिए भारतीय दूसरे देश में जाने के लिए यूक्रेन की सीमा पर पहुंचें, भारत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि उन्हें बिना किसी समस्या के प्रवेश की अनुमति मिले। जो लोग यूक्रेन की सीमा से रोमानिया में पहुंच रहे हैं, उनके लिए भारत सरकार ने वहां से छात्रों को मुफ्त में लाने के उपाय किए थे।"
रेड्डी ने आगे बताया कि "हमने बाइक, कारों और बसों में यात्रा कर रहे छात्रों से कहा है कि वे वाहनों पर भारतीय ध्वज प्रमुखता से लगाएं। जो लोग झंडे की तस्वीरें नहीं ले पाए हैं उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से झंडे भेजे गए हैं। रूस ने वादा किया है कि वह भारतीय छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। इसलिए हमने उन्हें भारतीय झंडे लेकर यूक्रेन की सीमा तक पहुंचने के लिए कहा है।"
पुतिन ने जारी किए आदेश
यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बातचीत की थी और यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। इस पर रूस के राष्ट्रपति ने आश्वासन जताया था कि वे भारतीय की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाएंगे। पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीयों की बस पर तिरंगा लगा होना ही उनकी सुरक्षा की बड़ी गारंटी है। पुतिन ने कहा था कि जिन गाड़ियों और बसों पर तिरंगा लगा होगा उनको रूसी सेना सुरक्षित बॉर्डर पर पहुंचाएगी और किसी को भी रोका नहीं जाएगा।
सपोर्ट कर रहा भारतीय दूतावास
यूक्रेन में टर्नोपिल विवि से एमबीबीएस कर रहे उत्तरकाशी निवासी आशीष नौटियाल ने बताया यूक्रेन से रोमानिया पहुंचने के बाद वहां भारतीय दूतावास सपोर्ट कर रहा है। वहां रुकने की भी व्यवस्था है। कोई तत्काल जाना चाहता है तो उसे भेजा भी जा रहा है। रोमानिया में दो दिन तक रुकने की व्यवस्था की गई है। खाने की भी व्यवस्था की गई है।
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