दिल्ली पुलिस महासंघ के अध्यक्ष एंव पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि पहली बार अपराध करने वाले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, वह पुलिस के लिए बड़ी चिंता का विषय है। आमतौर पर पुलिस ऐसे अपराधियों पर नजर रखती है जिनका आपराधिक इतिहास होता है।
उनके डोजियर तैयार किये जाते हैं, हिस्ट्री शीट खोली जाती है, ज्यादा वारदात करने वालों को घोषित बदमाश बना दिया जाता है। ऐसे अपराधियों पर नजर रखने से लेकर उन्हें पकड़ना आसान होता है, लेकिन पहली बार अपराध करने वालों को चिन्हित नहीं किया जा सकता। यह अनुमान लगाना नामुमकिन है कि कौन व्यक्ति पहली बार अपराध करने जा रहा है। इसके लिए पुलिस को नई तरह से सोचकर योजना को तैयार करना होगा।
कुछ यह बयां कर रहे है आंकड़े
- डकैती – 96%
- हत्या – 87%
- हत्या का प्रयास – 84%
- लूट – 82%
- दुष्कर्म – 99%
- झपटमारी – 87%
- चोट पहुंचाना – 98%
- सेंधमारी – 89%
- वाहन चोरी – 90%
- जबरन उगाही – 94%
पूर्व एसीपी वेद भूषण ने बताया कि अपराध में पहले बार अपराध करने वालों के बढ़ने कई कारण हैं। अपनी जीवन शैली को ठीक करने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग अपराध की तरफ गए हैं। यह एक बड़ा कारण है जिसकी वजह से फर्स्ट टाइमर लूट, झपटमारी, डकैती आदि वारदातों में लिप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में लगभग 99 फीसदी आरोपित पहली बार यह अपराध कर रहे थे।
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