अभी हाल में कनाडा में दीपक पुंज पर कुछ लोगों ने जानलेवा हमला किया। हमला करने से पहले हमलावरों ने उनसे पूछा कि क्या तुमने दीप सिद्धू की 'प्रार्थना सभा' पर सवाल खड़ा किया था? क्या खालिस्तानी झंडे का विरोध किया था? क्या दीपक ने भारत विरोधी नारे का विरोध किया था?
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पिछले साल भारत में 'किसान आंदोलन' के समर्थन में कूदे पंजाबी कलाकार दीप सिद्धू की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। 26 जनवरी 2021 के दिन नई दिल्ली में की गई ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले और दिल्ली में हुई हिंसा के प्रकरण में दीप सिद्धू का नाम प्रमुखता से आया था। दीप को जेल भी हुई थी। बता दें कि दीप के अंतिम संस्कार के वक्त भी ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे। उसकी याद में कनाडा में खालिस्तानी तत्वों ने 'प्रार्थना सभा' आयोजित की थी। अफसोस कि उस शहर के मेयर भी खालिस्तानी तत्वों के बहकावे में आकर उस 'सभा' में शामिल हुए थे। वहां खालिस्तान के झंडे लहराए गए थे, भारत विरोधी नारे भी लगाए गए थे। भारत सरकार ने इस बारे में कनाडा सरकार के सामने आपत्ति दर्ज कराई थी।
कनाडा में दीपक पुंज 'फ्रंटलाइन रेडिया' में 'रेडियो होस्ट' हैं। अभी 20 फरवरी को दीपक ने अपने कार्यक्रम में खालिस्तान का खुलकर विरोध किया था। दीपक उस एक वार्ता कार्यक्रम करते हैं। इसी कार्यक्रम में दीपक ने कनाडा के ब्रैम्पटन में 'प्रार्थना सभा' के नाम पर जो हुआ उसकी कड़ी आलोचना की। जैसा पहले बताया, वहां भारत विरोधी अलगाववादियों ने खालिस्तानी झंडे फहराए थे, भारत विरोधी नारेबाजी की गई। दीपक ने इस सबका विरोध क्या किया, उन पर कातिलाना हमला हो गया। 23 फरवरी को ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में अपने रेडियो स्टेशन की तरफ जाते हुए दीपक पर हमला किया गया।
उस दिन भी वे रोज की तरह अपने दफ्तर की तरफ जा रहे थे। तभी तीन अज्ञात लोगों ने उन पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने उन पर पिस्तौल तान दी, शराब की खाली बोतल से उन पर चोट की। प्राप्त समाचारों के अनुसार, हमला करने वालों ने दीपक पर वार करने के पहले दीपक से पूछा कि क्या उन्होंने 'संधु और उसकी प्रार्थना सभा' पर कार्यक्रम किया था। दीपक के 'हां' बोलते ही उन पर हमला बोल दिया गया।
पुंज ने तत्काल हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को उस गाड़ी का नंबर भी बताया जिसमें हमलावर आए थे। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस घटना की जांच कर रही है। दीपक ने साफ कहा है कि उन पर इसीलिए हमला किया गया क्योंकि वह पंजाब से हैं और खालिस्तान का विरोध करते हैं।
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