भारतीय समय के अनुसार, गुरुवार यानी 24 फरवरी की देर रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परंपरागत मित्र देश भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया। दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन के साथ शुरू हुए युद्ध और पूरे विवाद पर चर्चा हुई। इस बातचीत में मोदी ने पुतिन से स्पष्ट कहा है कि वे युद्ध को फौरन बंद करें और सभी विवाद बातचीत के रास्ते सुलझाएं।
उल्लेखनीय है कि इस इस अवसर पर मोदी ने पुतिन से यूक्रेन में भारत के नागरिकों, विशेष रूप से वहां संकट में फंसे छात्रों की सलामती के बारे में भी भारत को हो रही चिंता की जानकारी दी।
रूस—यूक्रेन के बीच 24 फरवरी की भोर से शुरू हुई जंग कहीं तीसरे विश्वयुद्ध की ओर संकेत तो नहीं कर रही है? यह सवाल पूरी दुनिया में उठता दिखाई दे रहा है। इस युद्ध के दुष्परिणामों से भारत भी अछूता नहीं रह सकता है। दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के लिए इस विषय पर चिंतित होने के कारण भी हैं। इसीलिए 24 फरवरी की शाम प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए वर्तमान वैश्विक हालात का जायजा लिया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अभी तक रूस—यूक्रेन विवाद पर तटस्थ रुख ही दर्शाया है। रूस की तरफ से भारत के वक्तव्यों की तारीफ भी की गई है। इस बीच कल सुबह ही भारत में यूक्रेन के राजदूत डॉ. आइगोर पोलिखा ने केन्द्र सरकार से रूस पर युद्ध रोकने को कहने का अनुरोध किया क्योंकि भारत और रूस के बीच संबंध बहुत मधुर हैं और उन्हें उम्मीद है कि रूस भारत की बात को गंभीरता से लेगा। अपनी इस भावुक अपील में यूक्रेन के राजदूत ने भारत—रूस के बीच बेहतर संबंधों की याद दिलाई और प्रधानमंत्री मोदी से पुतिन से बात करके तनाव दूर करने में मदद की गुहार की।
प्रधानमंत्री मोदी स्वयं इस पूरे मामले पर गंभीर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने महत्वपूर्ण पहल करते हुए पुतिन से फोन पर बात की। मोदी ने सलाह दी कि सबको शांति की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। करीब 20 मिनट हुई दोनों नेताओं की इस टेलीफोन वार्ता में वर्तमान स्थितियों पर चर्चा के अलावा आगे के मार्ग पर भी सलाह—मशविरा हुआ।
भारत के विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी को यूक्रेन से जुड़े हर घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि रूस और नाटो समूह के बीच विवाद सिर्फ ईमानदार वार्ता के जरिए ही सुलझाना चाहिए। मोदी ने संभी संबंधित पक्षों से आह्वान किया कि युद्ध को फौरन बंद करके राजनयिक स्तर की वार्ता पर लौटें।
मोदी से अपनी बातचीत में पुतिन ने भरोसा दिया कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सही—सलामत बाहर जाने देने के लिए वे अपने अधिकारियों को आदेश जारी करेंगे। इस बातचीत का विवरण रूस ने भी जारी किया है।
रूस के राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि उन्हें यूक्रेन पर हमला क्यों करना पड़ा। उन्होंने बताया कि डोंबास के आम नागरिकों पर कीव की सरकार ने आक्रामक कार्रवाई की है। मिंस्क समझौते का उल्लंघन किया है। इतना ही नहीं, यूक्रेन में अमेरिका तथा नाटो की मदद से सामरिक गतिविधियां चल रही थीं। इन सबकी वजह से रूस को युद्ध का फैसला लेना पड़ा है।
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