बलूचिस्ताान में आजादी के स्वर को दबाने के लिए पाकिस्तानी फौज ने बीते 20 फरवरी की सुबह नए सिरे से अभियान चलाया है। फौज बीते चार दिनों से बलूचिस्तान के अवारन और कोहलू में जमीनी और हवाई हमले कर रही है। पाकिस्तानी फौज ने इलाके में बलूच लड़ाकों को घेरने की कोशिश की, लेकिन इसमें उसे सफलता नहीं मिली। उल्टे बलूच लड़ाकों की ओर से भीषण जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी फौज को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही, पाकिस्तानी वायुसेना के कई जवान और थल सेना का एक अधिकारी भी मारा गया।
बलूचिस्तान में बलूचों के विद्रोह को दबाने के लिए पाकिस्तानी फौज ने सिब्बी से कोहलू जिले के कहन क्षेत्र में सैन्य टुकडि़यों को भेज कर बम्बोर और आसपास के इलाकों को घेर लिया और हमले शुरू कर दिए। इसके अलावा, फौज ने हवाई हमले भी किए। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दसियों पाकिस्तानी सैन्य टुकडि़यों के अलावा पांच गनशिप हेलीकॉप्टर को भी इस हमले में शामिल किया गया। पाकिस्तानी फौज बीते चार दिनों से सोर गेर और झाओ सहित अवारन के कई इलाकों में आक्रामक कार्रवाई कर रही है। बता दें कि बम्बोेर क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध है, जहां चीनी पाकिस्तानी कंपनियां अपनी शोषणकारी परियोजनाओं को शुरू करने की योजना बना रही हैं, लेकिन उन्हें बलूच स्वतंत्रता सेनानियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
लड़ाकों ने शत्रु सेना के जवानों को मार गिराया
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के प्रवक्ता आजाद बलूच के अनुसार, बलूच लड़ाकों ने रविवार को ग्वादर में कॉलेज के पास पासनी हवाईअड्डा मार्ग पर पाकिस्तानी वायुसेना के काफिले को निशाना बनाया। बीएलए सेनानियों ने यह हमला रिमोट कंट्रोल से किया। इस हमले में पीएएफ के कई जवान मारे गए और कई घायल हो गए। पाकिस्तानी फौज जमीनी और हवाई हमले कर बलूच लड़ाकों के एक ठिकान घेरने की कोशिश कर रही थी, जिसे नाकाम कर दिया गया। बीएलए के संगठित प्रतिरोध ने न केवल दुश्मन बलों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया, बल्कि संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी फौज को भारी नुकसान भी हुआ है। आजाद बलूच ने कहा कि पाकिस्तानी बलों ने बम्बोर, त्रातानी और कहन के आसपास के इलाकों में अपने हमले बढ़ा दिए हैं।
आजादी तक जारी रहेंगे हमले
बीएलए प्रवक्ता ने कहा, 'हम एक बार फिर इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि पाकिस्तान और उसके आर्थिक साझेदार चीन की शोषणकारी नीतियों के खिलाफ हमारा हमला और बलूचिस्तान पर उनके अवैध कब्जे का खात्मा आजादी तक जारी रहेगा। 'कब्जे वाली पाकिस्तानी सेना' क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों, विशेष रूप से बम्बोर क्षेत्र में तेल भंडार को लूटने का मार्ग प्रशस्त करना चाहती है। पिछले सैन्य तानाशाहों और शासकों द्वारा 70 के दशक और और बाद में भी इसी तरह के असफल प्रयास किए गए। प्रवक्ता ने कहा कि हमारे संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी ने परवेज मुशर्रफ की सैन्य तानाशाही के दिनों से ही इस तरह के कई सैन्य अभियानों का कड़ा विरोध किया है और इन क्षेत्रों में राष्ट्रीय संसाधनों की रक्षा की है। हम संकल्प लेते हैं कि हम भविष्य में भी इस परंपरा को जारी रखेंगे। बीएलए ने अपने बयान में स्थानीय ठेकेदारों और कंपनियों को बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की ऐसी शोषणकारी योजनाओं का हिस्सा नहीं बनने की चेतावनी दी है।
फौज के कप्तान को मार गिराया
इससे पहले, पाकिस्ताकन की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने सोमवार को एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि बलूचिस्तान के कोहलू जिले में एक खुफिया आधारित ऑपरेशन (आईबीओ) अभियान के दौरान एक ‘आतंकवादी ठिकाने’ पर भारी गोलीबारी में पाकिस्तानी सेना का एक कप्तान शहीद हो गया। साथ ही, फौज ने सिबी जिले के तुली इलाके में कार्रवाई के दौरान तीन बलूच लड़कों को मारने का भी दावा किया है।
फौज को लगातार निशाना बना रहे लड़ाके
बलूच लड़ाके पाकिस्तानी फौज को लगातार निशाना बना रहे हैं। 25 जनवरी को केच में बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तानी फौज के 17 जवानों को मार गिराया था। इसके ठीक एक हफ्ते बाद यानी 2 फरवरी को बलूचिस्तान के नोशकी और पंजगुर जिलों में एक अधिकारी सहित सात सैन्य कर्मियों की हत्या की थी। बीएलए ने इन हमलों की जिम्मे दारी ली है। बीएलए का दावा है कि उसने नोशकी और पंजगुर में शत्रु सेना 100 से अधिक कर्मियों को मार गिराया। इन हमलों की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी फौज को बलूच लड़ाकों के खिलाफ कार्रवाई में हेलीकॉप्टर गनशिप और बख्तरबंद गाडि़यों का इस्तेरमाल करना पड़ रहा है।
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