गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मीडियाकर्मियों को बताया कि मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि उन्होंने जांच के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।
गिरफ्तार तीन आरोपितों में से दो बेंगलुरु के बताये गये हैं। शिवमोग्गा से गिरफ्तार खसीफ से मिली जानकारी के आधार पर अन्य दो को पुलिस ने पकड़ा है। घटना के तुरंत बाद दोनों अपना सेल फोन बंद कर भाग गए थे। बताया जा रहा है कि दोनों को बेंगलुरु में उनके घरों से हिरासत में लिया था। शिवमोग्गा के उपायुक्त सेल्वामणि आर. ने बताया कि इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है।
पेशे से दर्जी हर्ष रात का भोजन कर घर से बाहर निकला था। इस दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उसकी हत्या कर दी। पोस्टमार्टम के बाद भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मृतक के शव को उसके घर ले जाया गया। मौके पर बड़ी संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता मौजूद थे। भारी सुरक्षा के बीच ही हर्ष का आज रोटरी श्मशान में अंतिम संस्कार कर दिया गया। दिन भर इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही और अंतिम संस्कार के दौरान कट्टरपंथियों द्वारा पथराव भी किया गया जिसके के बाद पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा।
गृह मंत्री के अनुसार एहतियात के तौर पर शहर की सीमा के भीतर स्कूल और कॉलेज दो दिनों के लिए बंद रहेंगे। मंत्री ने पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की है और मामले में त्वरित कार्रवाई का वादा किया। इस क्रम में ज्ञानेंद्र ने वरिष्ठ पुलिस और जिला अधिकारियों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक लीड है, लेकिन वह जांच के बीच ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। हम जानते हैं कि यह किसने किया और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा। हत्या में करीब चार से पांच लोग शामिल हैं।
शिवमोग्गा से भाजपा नेता, ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा के अनुसार युवक को “मुस्लिम गुंडों” ने मार डाला। उन्होंने कहा कि वह स्थिति का आकलन करने के लिए शिवमोग्गा जा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि ‘गुंडागर्दी’ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केएस ईश्वरप्पा ने हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए एनआईए से जांच कराने की मांग की।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना पर गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। स्वयं गृह मंत्री और मुख्यमंत्री शिवमोग्गा जिले से हैं। घटना में लिप्त अपराधियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
इसी बीच श्रीराम सेना के संयोजक प्रमोद मुतालिक ने आज मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मुलाकात की और एसडीपीआई, पीएफआई और सीएफआई समूहों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर केंद्र पर दबाव डालने की मांग की। उन्होंने राज्य में हिंसक गतिविधियों के लिए इन संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने मृतक परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग की।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में पहले से ही शिक्षण संस्थानों के अंदर मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विवाद चल रहा है।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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