हरिद्वार में अरसे बाद गंगा किनारे भगवा रौनक दिखाई दे रही है, रोजाना हज़ारों शिवभक्त कांवड़ लेने गंगा नगरी पहुंच रहे है। शिवरात्रि के दिन देश के विभिन शहरों के शिवालय मंदिरो में गंगा जल चढ़ाने की परंपरा रही है।
हरिद्वार में सावन मास में और शिवरात्रि से पहले हज़ारों की संख्या में भोले शिव के भक्त गंगा जल लेने पहुंचते है, पिछले दो सालों से कांवड़ यात्रा कोविड कारणों से उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रतिबंध थी। सप्ताह भर पहले उत्तराखंड सरकार द्वारा सभी बंदिशों को हटा लिए जाने के बाद से कांवड़ियों का बड़ी संख्या में हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया है। हरिद्वार गंगा किनारे सैकड़ो की संख्या में कांवड़ सामग्री की दुकाने सज गयी है। भोले के भक्त भगवा वस्त्रों में कांवड़ भर के अपने अपने शहरों की तरफ जाने शुरू हो गए है। हालांकि सावन की कांवड़ में भीड़ ज्यादा होती है लेकिन इस बार कोविड के बाद पाबंदी हटने से शिवरात्रि कांवड़ में भी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
हरिद्वार प्रशासन ने भी कांवड़ियों की बड़ी संख्या में आमद को देखते हुए यातायात और सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किए है, कांवड़ियों के पैदल मार्गो को साफ रख उन्हें हाइवे से बचाने की व्यवस्थाएं की गई है। उत्तराखंड के बाद कांवड़ यात्रा यूपी हरियाणा दिल्ली और राजस्थान का रुख करती है, वहां पर भी पुलिस प्रशासन चौकस हो गया है।
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