कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद कानपुर में भी विधान सभा चुनाव के दौरान मतदान में देखने को मिला। मुस्लिम महिलाओं ने आरोप लगाया कि मतदान में लगे कर्मी गेट पर ही नकाब उतारने को कहने लगे। जिसका विरोध किया गया और कहा गया गया कि नियमत: जांच की जाए। मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो जिला निर्वाचन अधिकारी ने जांच बैठा दी और जांच में आरोप सही नहीं पाया गया।
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत कानपुर में मतदान हुआ। मतदान को लेकर मतदाता उत्साहित भी दिखे और छुटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांति पूर्वक रहा। लेकिन आर्य नगर विधान सभा क्षेत्र के दिगंबर जैन विद्यालय एवं गुलजारी लाल जैन धर्मशाला सब्जी मंडी बूथ पर मुस्लिम महिलाओं ने आरोप लगाया कि गेट पर ही नकाब उतारने का दबाव बनाया गया। इसका महिलाओं ने विरोध किया और जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। इसी दौरान किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। महिलाओं का कहना था कि जब अंदर मतदाता की पहचान होती है उस समय नकाब हटा लिया जाएगा। वायरल वीडियो का जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा शर्मा ने संज्ञान लिया और जांच करा दी। इस पर रिटर्निंग आफीसर ने लिखित जवाब दिया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ और महिलाओं द्वारा लगाया गया आरोप पूरी तरह से निराधार है।
यह था आरोप
वीडियो में एक महिला यह कहती हुई दिख रही है कि उन्हें नकाब उतारने को कहा है। लेकिन उस महिला ने यह भी कहा कि वो चेहरा दिखाने को राजी है, लेकिन पूरा नकाब नहीं उतारेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वोट भी नहीं डालेंगे। वहां मौजूद एक अन्य महिला ने कहा कि, मतदान केंद्र के बाहर हम किसी गैर-मर्द को अपना चेहरा नहीं दिखाएंगे, अंदर जाकर महिला कर्मचारी को अपना चेहरा दिखाएंगे, लेकिन यहां के लोग हमसे कह रहे हैं कि आप बाहर से ही अपना नकाब हटा कर जाओ।
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