हरिद्वार से लगे राजा जी नेशनल पार्क में पिछले दिनों दो हाथियों के शव मिले हैं, जबकि एक और शव आज तराई फॉरेस्ट से गुजरने वाली रेल लाइन के पास मिला है। बताया गया कि सुबह मालगाड़ी की टक्कर से हाथी की मौत हुई है। उत्तराखंड में नेपाल बॉर्डर की शारदा नदी से हिमांचल से लगे यमुना घाटी के जंगलों को एशिया एलिफेंट कॉरिडोर का हिस्सा माना जाता है। इसी कॉरिडोर के राजा जी नेशनल पार्क के मोतीचूर रेंज में बीते एक हफ्ते में दो हाथियों के शव मिले हैं। वन अधिकारियों के मुताबिक जंगल में दो नर हाथियों में आपस मे भीषण संघर्ष हुआ। जिसमे एक हाथी की मौत 17 तारीख को हो गयी थी मृतक हाथी के शरीर में घाव थे, संघर्ष में घायल दूसरे हाथी ने भी 19 तारीख को दम तोड़ दिया।
पार्क के निदेशक अखिलेश तिवारी के मुताबिक जहां दोनों हाथियों में संघर्ष हुआ वहां डेढ़ किमी तक खून के निशान थे। दोनों हाथियों ने एक-दूसरे पर दांतों से हमला किया था। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने बताया कि दोनों हाथियों का पोस्टमार्टम करवाया गया है। बाद में जंगल में ही गड्ढा खोदकर उन्हें दफना दिया गया है। एक हाथी की उम्र करीब 25 और दूसरे की 45 साल बतायी गयी है। नर हाथियों की भिड़ंत की खबर वन विभाग को समय से मिल गयी थी फिर भी वन विभाग के कर्मचारी दोनों के संघर्ष को रोकने में विफल रहे।
उधमसिंहनगर के तराई के जंगल से गुजरने वाली रेल लाइन ने एक बार फिर से एक हाथी की जान ले ली। सुबह गुजरने वाली मालगाड़ी के इंजन के प्रहार से कट कर ये हादसा हुआ। पिछले साल भी दो हाथियों की ट्रेन से कटने की वजह से मौत हुई थी। वन अधिकारियों का कहना है कि यहां रेल इंजन चालकों को स्पीड कंट्रोल की सख्त हिदायत दी हुई है, परंतु वो इसका पालन नहीं कर रहे। आज वन विभाग ने इंजन चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है। जनवरी माह में कॉर्बेट बिजरानी फॉरेस्ट जोन के पास गोजनी जंगल में बिजली के करंट से हाथी की मौत हो गयी थी। हादसे के वक्त हाथी की सूंड में बल्ब फंसा हुआ था। 2022 शुरू होते ही चार-चार हाथियों की मौत से वन विभाग के हाथी संरक्षण योजना पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है।
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