केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने दावा किया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनकी हत्या हुई है। सुशांत सिंह की मैनेजर दिशा सालियान की भी हत्या की गई थी। उन्होंने कहा कि अभी तक दिशा सालियान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं आई है और मामले के सबूत मिटा दिए गए हैं। राणे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी कि हत्या की फाइल कभी भी ओपन की जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री राणे ने शनिवार को मुंबई में पत्रकारों से कहा कि आठ जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर हत्या कर दी गई। दिशा पार्टी में जाने से मना कर रहीं थीं, लेकिन उन्हें जबरदस्ती बुलाया गया। फिर दुष्कर्म कर हत्या की गई। इसके बाद वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को भगा दिया गया और बिल्डिंग में आगंतुकों के रजिस्टर के पन्ने फाड़ दिए गए। जिस इमारत में ये सब हुआ था, वहां का सीसीटीवी फुटेज आठ जून से पहले तक ठीक था। अचानक 13 जून को ही सीसीटीवी कैसे गायब हो गया? उन्होंने कहा कि इसके बाद सुशांत सिंह राजपूत की भी हत्या कर दी गई। इस मामले में जब जरूरत होगी तो जांच संस्था को सबूत देंगे। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से उनकी बात हुई है। मामले की जिन अधिकारियों ने जांच की थी, वे अब वहां नहीं हैं। बहुत जल्द इस मामले का पर्दाफाश वही डॉक्टर और पुलिस अधिकारी करेंगे।
राणे ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे ने कहा कि मातोश्री के इशारे पर बृहन्मुंबई नगर निगम ने उनके आवास आदिश में अवैध निर्माण कार्य का नोटिस भेजा है। राणे ने कहा कि उन्होंने इमारत में कोई अवैध निर्माण कार्य नहीं किया है, लेकिन जिस तरह से उन्हें नोटिस भेजी गई है, वह सिर्फ बदले की कार्रवाई के तहत ही है। केंद्रीय मंत्री राणे ने चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मातोश्री और मातोश्री-2 निवास स्थान में भी इसी तरह की गड़बड़ी हुई है, लेकिन वे किसी का घर तोड़े जाने के पक्षधर नहीं हैं। राज्य के उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल जिस मामले में ढाई साल जेल में थे, ठीक उसी तरह मातोश्री में रहने वाले भी जेल जा सकते हैं। राणे ने मुख्यमंत्री ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कभी मंत्रालय नहीं जाते, कभी भी मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं जाते। दूसरा कोई रहता तो वह इस्तीफा दे देता। राणे ने कहा कि मराठी लोगों के हित के लिए बनी शिवसेना सत्ता में है, लेकिन किसी भी मराठी व्यक्ति को लाभ नहीं मिल रहा है।
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