मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुजरात के सीरियल बम ब्लास्ट में आये फैसले में जिस एक आतंकवादी को फांसी की सजा हुई है वह आजमगढ़ का रहने वाला है और उसके परिवार का संबंध समाजवादी पार्टी से है। यह दोनों घटनाएं यह साबित करती हैं कि सपा के मंसूबे क्या थे ? सपा का हाथ आतंकवादियों के साथ है। इनकी सोच समाजवादी नहीं अपितु परिवारवादी है। असली समाजवादी तो डा. राममनोहर लोहिया और आचार्य नरेन्द्र देव थे। सपा के शासन में बिजली भी जाति और मजहब में बंटी थी, ईद पर बिजली आती थी लेकिन दिवाली पर बिजली नहीं आती थी। आज हर त्यौहार पर बिजली आती है। हर जिले को भरपूर और पर्याप्त बिजली दी जा रही है। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश को डार्क में जोन में पहुंचाया था। आज वही समाजवादी पार्टी फ्री में बिजली देने की बात कर रहे हैं। अंधेरे में रखने वाले भला कहां से फ्री में बिजली देंगे. ?
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की संवेदना गरीबों, किसानों, नौजवानों और महिलाओं के साथ नहीं बल्कि केवल पेशेवर अपराधियों, माफिया और आतंकियों के साथ है। सपा सरकार ने पहली कैबिनेट में आतंकवादियों के ऊपर से मुकदमा वापस लेने का फैसला किया था। वर्ष 2012 में सपा सरकार बनते ही कैबिनेट ने पहला फैसला श्री राम लला, काशी के संकटमोचन के साथ ही लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या कचहरी में सीरियल ब्लास्ट करने वाले आतंकवादियों से मुकदमे वापस लेने का किया था। यह सपा सरकार की कार्य पद्धति और उसके नेताओं की कार्यशैली को दर्शाता है। हमारी सरकार ने कानून का राज और सुरक्षा का मतलब बताया है क्योंकि सुरक्षा के बगैर विकास निरर्थक है।
सपा राज में आये दिन बड़ी-बड़ी घटनाएं होती थीं। दंगे होते थे और कर्फ्यू लगता था। दंगे की वजह से पांच साल पहले व्यापारी पलायन करते थे। अब वो सभी लोग वापस आकर अपना कारोबार कर रहे हैं। आज दंगाई मौन हैं, क्योंकि उन्हें ठीक से पता है कि चौराहे पर उनका पोस्टर लग जाएगा और 24 घंटे के अंदर ही नुकसान की नोटिस उनके घर पहुंच जाएगी और सात पीढ़ियां इसकी भरपाई करेंगी।
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