रूस और यूक्रेन के बीच मंडराती लड़ाई की आशंकाओं और नाटकीयताओं के बीच पुतिन प्रशासन ने मास्को में अमेरिकी राजनयिक मिशन के दूसरे सबसे बड़े अधिकारी उप राजदूत बार्ट गोर्मन को देश से बाहर जाने को कहा है। स्वाभाविक तौर पर रूस के इस कदम पर अमेरिका ने तीखी टिप्पणी की है। मास्को में अमेरिकी दूतावास ने बयान दिया है कि वॉशिंगटन रूस के इस फैसले को अनुचित मानता है क्योंकि हमारे अधिकारी का वीसा तीन साल का था। अमेरिका ने इस मामले में तीखे तेवर अपनाते हुए कहा कि वह बार्ट गोर्मन को निकाले जाने की मास्को की इस कार्रवाई का कड़ा जवाब देगा।
उल्लेखनीय है कि रूस ने अमेरिका के साथ अपनी तल्खी को और बढ़ाते हुए ही अमेरिकी राजनयिक मिशन के उप प्रमुख को देश से निष्कासित किया है। उन्हें तुरंत देश छोड़ने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यूक्रेन विवाद में रूस बार्ट की भूमिका से संतुष्ट नहीं था। उनके बयानों और कामों को लेकर उसे नाराजगी थी।
अमेरिका तथा रूस के बीच राजनयिक संबंध यूं भी बहुत दिनों से पटरी से उतरे हुए हैं। इधर इनमें कुछ ज्यादा ही उतार देखने में आया है। अमेरिका ने कुछ महीने पहले ही न्यूयॉर्क और मैरीलैंड में स्थित रूस के दो राजनयिक परिसरों को बंद कर दिया था। यही नहीं, बाइडेन प्रशासन ने पिछले महीने पचास रूसी राजनयिकों को देश से निकाला था।
इधर अमेरिका के कड़ा जवाब वाले बयान पर भी विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत संभव है अमेरिका भी अपने यहां भी रूसी कूटनीतिकों को देश से निकल जाने का आदेश दे। हालांकि अभी महीने भर पहले ही अमेरिका ने रूस के दूतावास में कार्यरत 50 से ज्यादा राजनयिकों को देश से निकल जाने का निर्देश दिया था, क्योंकि उनका वीसा समाप्त हो चुका था।
अब अमेरिका के उप राजदूत को निकाले जाने पर वाशिंग्टन से तीखी प्रतिक्रिया आने की संभावना बहुत स्वाभाविक ही थी। अगर मास्को के अमेरिकी दूतावास की बात सही है कि बार्ट के पास तीन साल का वीसा था और अभी उन्हें वहां तीन साल नहीं हुए हैं, तो, बेशक रूस का यह कदम राजनयिक मापदंडों पर खरा नहीं कहा जा सकता। लेकिन रूस यूक्रेन को लेकर अमेरिका के आएदिन के चुभते बयानों से बौखलाया हुआ है। संभव है यह कदम नाराजगी जताने का एक तरीका हो।
अमेरिका तथा रूस के बीच राजनयिक संबंध यूं भी बहुत दिनों से पटरी से उतरे हुए हैं। इधर इनमें कुछ ज्यादा ही उतार देखने में आया है। अमेरिका ने कुछ महीने पहले ही न्यूयॉर्क और मैरीलैंड में स्थित रूस के दो राजनयिक परिसरों को बंद कर दिया था। यही नहीं, बाइडेन प्रशासन ने पिछले महीने पचास रूसी राजनयिकों को देश से निकाला था। इसके बाद उधर रूस ने भी मॉस्को में अमेरिकी दूतावास के कुछ कर्मचारियों को देश से चले जाने का आदेश दिया था।
मास्को द्वारा यूक्रेन सीमा से सैनिकों की तादाद घटाने की खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है। मीडिया में यह भी आया है कि घटाने की बजाय रूस ने वहां सात हजार सैनिक और बढ़ा दिए हैं। देखना है, रूस के इस ताजा कदम का अमेरिका क्या जवाब देगा।
टिप्पणियाँ