अमदाबाद में हुए सिलसिलेवार बम धमाका मामले के दोषियों को लेकर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने इसके 49 दोषियों में 38 को फांसी की सजा और 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले 8 फरवरी को विशेष अदालत ने इन सभी को दोषी करार दिया था। जबकि 28 लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। अमदाबाद पुलिस ने मामले में 20 प्राथमिकी दर्ज की थी। सूरत में भी 15 एफआईआर दर्ज हुई थीं। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।
घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान
करीब 13 साल बाद आए फैसले में विशेष न्यायाधीश ए आर पटेल ने 7 हजार 15 पेज का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष ने सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। अदालत ने मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख, घायलों को 50 50 हजार तथा मामूली रूप से जख्मी हुए लोगों को 25-25 हजार का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
19 दिन में 30 आतंकी गिरफ्तार
तत्कालीन डीजीपी आशीष भाटिया के नेतृत्व में तेजतर्रार अधिकारियों की टीम बनाई गई थी। 19 दिनों के अंदर 30 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद बाकी आतंकियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अमदाबाद में हुए इन धमाकों से पहले आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था।
90 मिनट में 20 स्थानों पर विस्फोट
उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 2008 को शनिवार के दिन अमदाबाद में शाम 6:15 बजे से शाम 7:45 बजे तक 90 मिनट में 20 स्थानों पर शक्तिशाली बम विस्फोट हुए थे। ये धमाके बसों, अस्पताल, पार्किंग स्थल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर किये गए थे। इन धमाकों ने 56 लोगों की जान ले ली और 246 लोग इसमें घायल हुए थे। अमदाबाद में हुए इन धमाकों से पूरा देश सन्न रह गया था।
(इनपुट सिंडिकेट फीड)
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