भारत ने पिछले दिनों चीन पर जो डिजिटल स्ट्राइक करके सुरक्षा वजहों से उसके 54 मोबाइल ऐप प्रतिबंधित किए थे, उसके बाद चीन ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय की यह टिप्पणी ड्रैगन की बेचैनी दर्शाती है तो अपनी तरफ से मामले को हल्के में लेने की झलक भी देती है।
चीन ने परेशान होकर इतना तो कहा है कि भारत द्वारा उसके एप प्रतिबंधित करने से कई चीनी कंपनियों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन साथ ही, आगे की बात करते हुए, कम्युनिस्ट तानाशाह सरकार की तरफ से कहा गया कि उम्मीद है भारत चीनी कंपनियों और बाकी विदेशी निवेशकों के साथ निष्पक्ष, पारदर्शी तथा भेदभाव से परे रहकर काम करेगा।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि चीन ने भारत के आर्थिक विकास में बहुत योगदान दिया है। प्रवक्ता गाओ फेंग ने भारत की डिजिटल स्ट्राइक के संदर्भ में कहा, 'भारत ने पिछले दिनों चीनी कंपनियों और उसके उत्पादों पर रोक लगाने के कई कदम उठाए हैं। इनकी वजह से चीनी कंपनियों के जायज हकों तथा हितों को बहुत नुकसान हुआ है। देखने में यह भी आया कि चीन की कंपनियों के साथ ही विदेशी निवेशक भी भारत में निवेश के वातावरण को लेकर बहुत चिंता में हैं। विदेशी निवेशकों ने भारत में रोजगार के काफी अवसर तैयार किए हैं, भारत के आर्थिक विकास में योगदान दिया है।' गाओ फेंग ने आगे कहा है कि चीन तथा भारत बस पड़ोसी नहीं हैं, बल्कि दोनों में आर्थिक तथा व्यापारिक सहयोग भी हैं।
प्रवक्ता गाओ फेंग ने भारत की डिजिटल स्ट्राइक के संदर्भ में कहा, 'भारत ने पिछले दिनों चीनी कंपनियों और उसके उत्पादों पर रोक लगाने के कई कदम उठाए हैं। इनकी वजह से चीनी कंपनियों के जायज हकों तथा हितों को बहुत नुकसान हुआ है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि 'हमें उम्मीद है कि भारत द्विपक्षीय आर्थिक तथा व्यापार सहयोग के विकास की पुख्ता गति को बनाए रखने हेतु ठोस कदम उठा सकता है'।
उल्लेखनीय है कि भारत ने गत 15 फरवरी को चीन के 54 ऐप प्रतिबंधित कर दिए थे। भारत की तरफ से कहा गया कि ये सभी ऐप भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे थे। जिन चीनी ऐप पर रोक लगाई गई है उनमें 'गरेना फ्री फायर' तथा 'ऐपलॉक' जैसे काफी प्रचलित एप भी हैं। याद रहे, 29 जून 2020 में भी गलवान संघर्ष के बाद भारत ने देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए अनेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रतिबंधित किए थे, जैसे टिकटॉक, वीचैट और हैलो। तब करीब 59 चीनी ऐप पर रोक लगाई गई थी।
इतना ही नहीं, भारत ने उसके बाद 27 जुलाई 2020 को 47 चीनी एप पर पाबंदी लगाई थी, 2 दिसंबर 2020 को 118 एप पर तथा नवंबर 2020 को 43 चीनी ऐप भारत से बाहर किए गए थे। भारत सरकार ने देश के प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के अंतर्गत इन तमाम चीनी ऐप को प्रतिबंधित किया है।
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