आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले के पयाकारोपेटा में पिछले चार साल से 17 महिलाओं का यौन शोषण करने के आरोप में 42 वर्षीय पादरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. रिपोर्टों के अनुसार, पादरी महिलाओं और लड़कों को धोखाधड़ी के लिए मजबूर करने में भी शामिल था। बता दें कि इस घटना का खुलासा तब हुआ जब पादरी की कैद में से एक महिला चर्च से भाग निकली और पुलिस अधिकारियों के पास पहुंची।
एक रिपोर्ट के अनुसार आरोपी पादरी की पहचान कृष्णा जिले के विजयवाड़ा के कृष्णालंका के मूल निवासी अंबाती अनिल कुमार उर्फ प्रेमा दास के रूप में हुई है, जो पहले रेलवे में टीटीई के रूप में कार्यरत था। जिसने 2017 में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अपने परिवार को छोड़ कर एक ईसाई मिशनरी स्थापित करने के लिए पयाकारोपेटा में बस गया। जिसके बाद उसने ईसाई मत के प्रवचन देने के नाम पर विभिन्न स्थानों से लगभग 17 महिलाओं को बहकाया और उन्हें एक परिसर में रखा।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि पादरी उसे और अन्य महिलाओं को भी उस परिसर में ले आया। वह पिछले चार साल से यौन शोषण कर रहा था. उसने उन्हें यह कहकर धमकी दी कि अगर उन्होंने परिसर छोड़ने की कोशिश की तो उनके परिवार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।पीड़िता ने पुलिस को बताया कि महिलाओं के अलावा सात लड़कों को जबरन वहां रखा गया है और उन्हें गुलाम बनाकर काम कराया जाता है और उन्हें प्रताड़ित भी किया जाता है।
पीड़िता के बयानों के आधार पर पयाकारोपेटा पुलिस ने अन्य महिलाओं से पूछताछ की, लेकिन पादरी के डर से उन्होंने कुछ नहीं कहा. कुछ महिलाओं ने डर की वजह से जवाब देने में असमर्थता दिखाई। जांच करने पर, पुलिस को यह भी पता चला कि पादरी ने ईश्वर के नाम पर कई लोगों से मोटी कमाई करता है। बलात्कार के आरोपी पादरी का एक YouTube चैनल भी था जिस पर वह बेरोजगार और रोगियों के लिए ऑनलाइन ईसाई प्रार्थना करता था। जिसकी वजह से वह नौकरी दिलाने और बीमारियों के इलाज के करने के नाम पर लाखों रुपये ठग लेता है।
नरसीपट्टनम के एडिशनल एसपी डी मणिकांत ने मंत्रालय परिसर का निरीक्षण किया और कहा कि पुलिस विस्तृत जांच कर रही है। पयाकारोपेटा पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं और पीड़ितों को मेडिकल परीक्षण के लिए अनाकापल्ले अस्पताल भेजा गया है। इस घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में पादरी ए अनिल कुमार भी शामिल हैं। आरोपी पादरी पूर्वी गोदावरी जिले की राजेश्वरी उर्फ लिली के साथ रहता था, जो उसके अपराधों में भी भागीदार है। पुलिस राजेश्वरी की भी तलाश कर रही है। पुलिस ने उस जगह को सील कर दिया है जहां पर सभी पीड़ितों को जबरन बंधक बना कर रखा गया था।
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