मशहूर गायक और संगीतकार बप्पी लहिरी (69) का निधन हो गया। लोगों को डिस्को म्यूजिक के लिए दीवाना बनाने वाले बप्पी दा ने मंगलवार रात 11 बजे जुहू स्थित क्रिटी केयर अस्पताल में आखिरी सांस ली । वह अपनी आवाज के अलावा सोने के गहने पहनने के कारण अलग पहचान रखते थे।
बप्पी दा पिछले वर्ष कोरोना संक्रमित हुए थे। तब उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह कोरोना को मात देकर घर लौट आए थे। मगर कुछ दिन पहले कोरोना ने उन्हें फिर गिरफ्त में ले लिया। उनका इलाज क्रिटी केयर अस्पताल में हो रहा था। बप्पी लहिरी ने 1980 से 2000 तक अपने संगीत से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने किशोर कुमार, लता मंगेशकर, आशा भोसले, ऊषा उथुप, सुरेश वाडकर, सुदेश भोसले आदि गायकों और संगीतकारों के साथ काम किया।
अमेरिकी रॉक स्टार एल्विस प्रेसली के फैन थे
देश में डिस्को म्यूजिक से युवाओं को दीवाना बनाने वाले बप्पी दा अपने हाथों और अंगुलियों में भी सोने की अंगूठी और कड़े पहनते थे। बप्पी लहिरी अमेरिकी रॉक स्टार एल्विस प्रेसली के फैन थे। एल्विस अपनी परफॉर्मेंस के दौरान हमेशा सोने की चेन पहना करते थे। एल्विस को देखकर बप्पी दा ने भी सोचा कि जब वो कामयाब होंगे तो अपनी अलग पहचान बनाएंगे। और कामयाब होकर बप्पी दा ने सोना पहना। सोने की इसी दीवानगी से उन्हें इंडिया का गोल्ड मैन तक कहा गया।
बप्पी दा के रॉक और डिस्को म्यूजिक पर आज भी लोग थिरकने को मजबूर हो जाते हैं। वह फिल्म इंडस्ट्री में दो तरह का म्यूजिक कंपोज करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में कई हिट गीत गाए। साथ ही कई रिएलिटी शो में बतौर जज शामिल हुए। बप्पी दा ने सत्तर के दशक में सिल्वर स्क्रीन पर उभरे और अस्सी के दशक तक छाए रहे।
मिथुन चक्रवर्ती के करियर को दिया आकार
2014 में बप्पी लहिरी के पास 754 ग्राम सोना, 4.62 किलोग्राम चांदी और 4 लाख रुपए के हीरे थे। हालांकि अब उनकी इस संपत्ति में बदलाव हो गया होगा। बप्पी दा की ही तरह उनकी पत्नी चित्रानी लाहिड़ी भी सोने और हीरों की शौकीन हैं। बप्पी लहिरी ने मिथुन चक्रवर्ती के करियर को लॉन्च किया। उनका बचपन से ही संगीत की तरफ रुझान रहा। उन्होंने बचपन में तबला बजाना सीखा। बप्पी दा के गाए गीत- बंबई से आया मेरा दोस्त…, आई एम ए डिस्को डांसर…जैसे गीत हमेशा लोगों की जुबां पर रहेंगे।
टिप्पणियाँ