बलूचिस्तान में मासूम नागरिकों पर पाकिस्तानी फौज का दमनचक्र बेरोक-टोक जारी है। वहां पाकिस्तानी सेना ने बीते 10 दिन में 34 बलूचों को अगवा किया गया है। यह खुलासा हुआ है बलूचिस्तान की मानवाधिकार परिषद की ताजा रिपोर्ट में। वहां फौजियों ने कई युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया हुआ है। उनमें से कई का वे जबरदस्ती उठाकर ले जा रहे हैं। इन ताजा घटनाओं के बाद बलूचिस्तान में पाकिस्तान की हुकूमत और फौज के प्रति आक्रोश फिर से उफान पर है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसी फरवरी माह के शुरुआती 10 दिनों के अंदर पाकिस्तान के फौजियों ने कम से कम 34 नागरिकों को अगवा कर लिया है। अगवा किए इन बलूचों में अनेक छात्र तथा सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। रिपोर्ट आगे बताती है कि अगवा किए गए लोगों में से एक के मरने की खबर मिली है, जबकि 30 बलूचों के बारे में कोई खबर नहीं है कि उन्हें कहां ले जाया गया है।
बलूचिस्तान की मानवाधिकार परिषद की इस रिपोर्ट के आने से कुछ दिन पहले ही बलूच लिबरेशन आर्मी के विद्रोहियों ने सुरक्षा बलों पर हमला बोला था जिसमें करीब पाकिस्तानी सेना के करीब 10 फौजी मारे गए थे। खुद बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने दावा किया था कि बलूचिस्तान में दो अलग-अलग सैन्य ठिकानों पर उसके हमलों में करीब 170 पाकस्तिानी सैनिक हलाक हुए हैं। बता दें कि ये दो हमले पंजगुर और नोश्की इलाकों में फ्रंटियर कोर की छावनी पर किए गए थे। बताते हैं, ये दोनों इलाके आज बलोच लिबरेशन आर्मी के कब्जे में आ गए हैं।
लेकिन पाकिस्तान के अधिकांश अखबारों से यह खबर गायब है। बलूच कार्यकर्ताओं के अनुसार, बलूचों से जुड़ी कई घटनाओं को 'मीडिया ब्लैकआउट' की वजह से छापा नहीं जाता। इतना ही नहीं, अगवा हुए लोगों के घरवालों और रिश्तेदारों को मुंह सिल लेने को कहा जाता है, वे किसी से अपने दर्द को साझा नहीं कर सकते, नहीं तो फौजी उन पर और जुल्म ढाते हैं। रिश्तेदार इसलिए भी खामोश रहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि अगवा हुए उनके पिता, बेटे या भाई को यही फौजी और यातनाएं देंगे।
उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान की मानवाधिकार परिषद की इस रिपोर्ट के आने से कुछ दिन पहले ही बलूच लिबरेशन आर्मी के विद्रोहियों ने सुरक्षा बलों पर हमला बोला था जिसमें करीब पाकिस्तानी सेना के करीब 10 फौजी मारे गए थे। खुद बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने दावा किया था कि बलूचिस्तान में दो अलग-अलग सैन्य ठिकानों पर उसके हमलों में करीब 170 पाकिस्तानी सैनिक हलाक हुए हैं। बता दें कि ये दो हमले पंजगुर और नोश्की इलाकों में फ्रंटियर कोर की छावनी पर किए गए थे। बताते हैं, ये दोनों इलाके आज बलोच लिबरेशन आर्मी के कब्जे में आ गए हैं। बलोच लिबरेशन आर्मी ने भी आरोप लगाए हैं कि पाकिस्तानी फौज ने पंजगुर के लोगों को अगवा किया है, कइयों की हत्या भी की है।
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