कर्नाटक के एक कॉलेज से हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामला में सियासत तेज होती दिख रही है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि एक दिन हिजाब पहनने वाली लड़की भारत की प्रधानमंत्री बनेगी। बता दें जिस मामले को लेकर ओवैसी ने ये बयान दिया है वह अभी कोर्ट में लंबित है। इसी प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी टिपण्णी करते हुए कहा था कि स्थानीय मुद्दे को राष्ट्रीय बनाने की कोशिश न की जाए।
दरअसल औवेसी ने एक वीडियो ट्वीट किया था जिसके कैप्शन में लिखा, 'इंशा' अल्लाह एक दिन एक हिजाबी प्रधानमंत्री बनेगी।' ट्वीट किए गए वीडियो में ओवैसी ने कहा कि “हमारी बच्ची अपने मां- बाप को बोलेंगी मैं हिजाब पहनना चाहती हूं और उनके माता-पिता भी आजादी देते हुए बोलेंगे पहन बेटी मैं देखता हू तुझे कौन रोकता है। ओवैसी ने कहा कि हिजाब पहनकर बच्ची डॉक्टर भी बनेंगी, कलेक्टर भी बनेंगी और बिजनेसवुमेन भी बनेंगी, एसडीएम भी बनेंगी, मैं इसे देखने के लिए जीवित नहीं हो सकता, लेकिन मेरे शब्दों पर ध्यान दें। एक दिन हिजाब पहनने वाली लड़की प्रधानमंत्री होगी।"
हिजाब की आड़ में देश के माहौल को खराब करने का षड्यंत्र !
बता दें कि इस समय देश के अनेक भागों में हिजाब को लेकर इस्लामिक चरमपंथी प्रदर्शन कर रहे हैं। 11 फरवरी को जुमे के बाद तो सूरत, अलीगढ़, मालेगांव, मुम्बई आदि शहरों में प्रदर्शनकारियों के कारण तनाव की स्थिति पैदा हो गई। कर्नाटक के कई शहरों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। इस विवाद को लेकर कट्टरपंथी लगातार उग्र होते जा रहे है, और देश के कई हिस्सों से हिजाब का विरोध करने वालों पर हमलों की खबरे भी सामने आ रही हैं। कर्नाटक के दावणगेरे जिले के मालेबेन्नूर कस्बे में बुधवार को हिजाब के खिलाफ एक व्यक्ति द्वारा व्हाट्सऐप स्टेटस लगाने के बाद इस्लामिक कट्टरपंथी दंगाइयों की भीड़ ने उस व्यक्ति को उसके घर से बाहर खीचकर पीटा और चाकू से गोद दिया। ठीक इसी तरह की एक अन्य घटना दावणगेरे जिले के नल्लूर गाँव में भी हुई। नल्लूर गाँव के रहने वाले नवीन (25) ने हिजाब विवाद को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया जो इस्लामिक कट्टरपंथियों को नागवार गुजरा और कट्टरपंथियों की भीड़ ने नवीन और उसकी 60 वर्षीय माँ सरोजम्मा पर हमला कर उनके घर में तोड़फोड़ कर दी है। जिसके बाद गंभीर रूप से घायल हालत में माँ-बेटे को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, देश में हिजाब को लेकर विवाद कर्नाटक के उडुपी की एक यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ था। कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर क्लास में आई थीं। इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों में भी आए। राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई। जिसके बाद हिजाब के जवाब में कुछ छात्रों ने कॉलेज में भगवा गमछा, स्कॉर्फ, और साफा पहनकर कर आना शुरू किया और जय श्री राम के नारे लगाए। नौबत यहां तक पहुंच गई कि कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद करना पड़ा। बस तब से इस मुद्दे पर राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे पर हमला करने के साथ विवाद और बढ़ गया। मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय में है।
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