अगले महीने पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा। उसके पहले मौजूदा सत्र के समापन संबंधी विज्ञप्ति राजभवन की ओर से जारी की जाती है। वही विज्ञप्ति राज्यपाल ने ट्विटर पर डाल दी थी। इसमें लिखा था कि संविधान की धारा 174 में प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए में राज्य विधानसभा के मौजूदा सत्र की समाप्ति की घोषणा आज से करता हूं। इसके बाद उलझन की स्थिति बन गई थी। कई मंत्री, विधायक और सांसदों ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी को फोन कर जानना चाहा कि क्या राज्यपाल ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर राज्य विधानसभा को भंग कर दिया है? क्योंकि संविधान की धारा 174 में राज्यपाल को यह अधिकार भी मिला हुआ है कि वह राज्य विधानसभा को भंग कर सकते हैं। हालांकि बाद में जब विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से संपर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि यह एक रूटीन प्रक्रिया है।
बता दें कि अगले सत्र की शुरुआत से पहले मौजूदा सत्र के समापन संबंधित विज्ञप्ति राजभवन की ओर से जारी होती है। केंद्र सरकार की ओर से यह विज्ञप्ति राष्ट्रपति जारी करते हैं और राज्य सरकार की ओर से यह विज्ञप्ति राज्यपाल जारी करते हैं। यह रूटीन प्रक्रिया है और इसे ट्विटर पर डालना मीडिया का ध्यान आकर्षण करने के जैसा है। राज्यपाल ऐसी ऐसी बातें ट्विटर पर डाल रहे हैं जो हास्य का विषय बन जा रही है।
हालांकि जब मीडिया में इसे लेकर कई खबरें बनने लगीं तब राज्यपाल ने भी स्थिति स्पष्ट करते हुए दूसरा ट्वीट किया और लिखा कि राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में पत्र दिया गया था। उसी के मुताबिक उन्होंने विधानसभा सत्र के समापन की विज्ञप्ति जारी की है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि राज्यपाल को विधानसभा में प्रवेश करने देने के बारे में विचार करना पड़ेगा। इसके बाद राज्यपाल का इस तरह का ट्वीट लोगों को उलझन में डालने वाला था। माना जा रहा था कि राज्यपाल भी अपनी ओर से चेतावनी दे रहे हैं कि वह विधानसभा को भंग कर सकते हैं।
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