बाहर से मजबूत दिखने वाला चीन वास्तव में भीतर से कमजोर है। यह दुनिया भर में चीन द्वारा किए जा रहे स्थिरता के दावों के विपरीत है। बीजिंग में ब्रिटिश दूतावास में दो बार सेवाएं देने वाले गार्साइड रोजर ने यह बात कही है। उनका कहना है कि चीन के आंतरिक कारक मौजूदा कम्युनिस्ट शासन को अस्थिर कर सकते हैं।
‘चाइना कूप’ के लेखक गार्साइड के मुताबिक, आलम यह है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इस साल लगातार तीसरी बार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीपी) का अध्यक्ष बने रहने के लिए राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस में मशक्कत करनी पड़ रही है। गार्साइड कहते हैं कि जिनपिंग की मौजूदा सरकार अपने बजट का अधिकांश हिस्सा सेना के मुकाबले आंतरिक सुरक्षा पर खर्च कर रही है। जिनपिंग अपने आंतरिक दुश्मनों से डरते हैं। लेखक का मानना है कि कम्युनिस्ट नेताओं का एक समूह जिनपिंग के खिलाफ विद्रोह कर तख्तापलट कर सकता है और चीन को एक लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था में बदल सकता है। पूर्व राजनयिक गार्साइड ने द एपोच टाइम्स को बताया, "चीन की राजनीतिक काया अंदर से गंभीर रूप से बीमार है। केवल प्रत्यारोपण ही उसके राजनीतिक शरीर को बचा सकता है और दूसरा एकमात्र प्रस्ताव प्रतिस्पर्धी लोकतंत्र है।"
गार्साइड के अनुसार, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष में नेतृत्व का मानना है कि जिनपिंग चीन को "बहुत जोखिम भरे और खतरनाक" दिशा में ले जा रहे हैं। चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग सहित सीसीपी नेताओं का मानना है कि जिनपिंग पार्टी के भविष्य के साथ-साथ उनकी संपत्ति और शक्ति को भी खतरे में डाल रहे हैं।
पूर्व राजनयिक ने दावा किया कि सीसीपी नेता जिनपिंग के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। सीसीपी की भेद्यता के कुछ संकेत इस तरह के तख्तापलट को सक्षम कर सकते हैं। राजनीतिक मोर्चे के अलावा, एक और आंतरिक कारक यह है कि चीन का निजी क्षेत्र शक्तिशाली और स्वायत्त हो गया है। जो सीसीपी पर दबाव बना रहा है, जिससे देश के नेतृत्व में चिंता पैदा हो रही है।
गार्साइड के अनुसार, "अलीबाबा ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज से 24 बिलियन डॉलर जुटाए। कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण से परे, उनके पूंजी विनिमय नियंत्रण से परे और राजनीतिक नियंत्रण से परे अन्य कंपनियों ने 248 अन्य कंपनियों ने अरबों डॉलर जुटाए हैं। ये कंपनियां उस पैसे का इस्तेमाल चीन में राजनेताओं को खरीदने और जिनपिंग के प्रतिद्वंद्वियों को खरीदने के लिए कर सकती हैं।" पूर्व राजनियक का कहना है कि एवरग्रांडे के नेतृत्व में रियल एस्टेट क्षेत्र में गिरावट एक अन्य कारक है जो अधिकारियों को तख्तापलट शुरू करने के लिए सशक्त बना सकता है। देखने में लगता है कि जिनपिंग के पास सारी शक्ति है। लेकिन ऐसा नहीं है। जिनपिंग के पास सारी शक्ति नहीं है। सच्चाई यह है कि सीसीपी संरचना में क्षेत्रीय और स्थानीय सरकारों में कई ‘शक्ति केंद्र’ हैं। जिनपिंग बड़ी समझदारी और होशियारी से केंद्रीयकृत अधिकार को अपने हाथों में ले रखा है।
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