वर्ष 2017 में विवाद होने के बाद शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया. विधानसभा चुनाव के कुछ माह पूर्व शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव के कहने पर समझौता कर लिया. समझौते में शिवपाल यादव ने सौ सीट मांगी थी मगर सीट कम करते-करते उन्हें केवल एक सीट दी गई. चुनाव प्रचार करने निकले शिवपाल यादव जनता के बीच अपना दर्द छिपा नहीं सके.
प्रचार के दौरान शिवपाल यादव ने कहा कि ‘हमने 100 सीटों की मांग की थी, लेकिन केवल एक ही सीट मिली इसलिए इस सीट की जीत को यूपी में सबसे बड़ी बना कर ताकत का एहसास करा दो. हमें भरोसा दिया गया था कि आपके समर्थक उम्मीदवारों को भी टिकट दिया जाएगा लेकिन किसी को भी टिकट नहीं दिया गया. हमने तो केवल 100 सीटों की मांग थी जबकि ‘नेता जी' ने कहा था 200 सीट ले लेना. जब 100 सीट देने पर अखिलेश यादव राजी नहीं हुए तो मैंने 65 सीटों की सूची दी. कहा गया कि इतना नहीं हो पायेगा. हमने 45 नामों की लिस्ट दी तो फिर कहा गया अभी भी ज्यादा हैं. उसके बाद 35 प्रत्याशियों की सूची दी. अंत में सिर्फ एक सीट ही दी गई.
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