मध्य प्रदेश सरकार ने होशंगाबाद जिले का नाम बदलकर नर्मदापुरम रख दिया है। साथ ही, होशंगाबाद के बाबई, जो महान कवि माखनलाल चतुर्वेदी का गृहनगर है, का नाम उनके नाम पर माखननगर कर दिया गया है। इस बाबत राजस्व विभाग ने अध्यादेश भी जारी कर दिया है। इसी के साथ प्रदेश के अन्य शहरों के नाम बदलने की भी मांग उठने लगी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर 3 फरवरी को दोनों जगहों के नाम बदलने की घोषणा की थी। उन्होंने लिखा था- पवित्र नर्मदा तट पर बसे होशंगाबाद शहर को अब मध्यप्रदेश की प्राणदायिनी मैया नर्मदा की जयंती के शुभ दिन से 'नर्मदापुरम' कहा जाएगा। संभाग का नाम पहले ही नर्मदापुरम किया जा चुका है। होशंगाबाद स्थित बाबई, जो महान कवि, लेखक और पत्रकार आदरणीय माखनलाल चतुर्वेदी जी की जन्मस्थली है, को माखन नगर के नाम से जानेंगे।
राजस्व विभाग के उपसचिव चंद्रशेखर वालिंबे जारी अध्यादेश में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम किया गया है। इसी के साथ बाबई का नाम माखन नगर किए जाने की अधिसूचना भी जारी की है।
मध्य प्रदेश में 2021 से गुलामी के प्रतीक नामों को बदला जा रहा है। इसी कड़ी में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति और मिंटो हॉल का नाम बदलकर कुशाभाऊ ठाकरे हॉल किया गया है। होशंगाबाद का नाम बदलने की घोषणा भी सबसे पहले 2006 में हुई थी। तब से जिला प्रशासन और राज्य शासन के बीच लगातार पत्राचार हो रहा था। 2021 में यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे 3 फरवरी को मंजूरी मिली। इसी के बाद होशंगाबाद और बाबई का नाम बदला गया।
इसी के साथ राज्य के अन्य शहरों के नाम बदलने की मांग भी उठने लगी है। सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश में करीब एक दर्जन शहरों के नाम बदलने की मांग हो रही है। जैसे- शिवपुरी का नाम कुंडेश्वर धाम, भोपाल को भोजपाल, ग्वालियर को गोपांचल और जबलपुर का नाम जबालिपुरम नाम करने की मांग की जा रही है। इसके अलावा भोपाल को भू-पाल, महेश्वर को महिष्मति, ओंकारेश्वर को मांधाता, विदिशा को भेलसा या विदावती, सीहोर को सीधापुर और दतिया को दिलीपनगर करने की मांग की जा रही है।
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