असम के बारपेटा जिले का मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियां बना हुआ। दरअसल सुर्खियों की वजह है 16वीं सदी का ‘बारपेटा सत्र’, जिसकी 40 बीघा से अधिक जमीन पर अवैध तरीके से मुसलमानों ने कब्जा जमा रखा था। सत्र और स्थानीय लोग लगातार इस अतिक्रमण का विरोध कर रहे थे। मामले ने उस समय तूल पकड़ा जब कांग्रेस के एक विधायक शर्मन अली अहमद अतिक्रमणकारियों के पक्ष में खड़े नजर आए। इलाके के दौरे के समय उन्होंने प्रशासन और बरपेटा यात्रा समिति द्वारा सीमांकन कर खड़े किए गए खंभों को तोड़ डाला और अतिक्रमणकारियों को यह कहकर उकसाया कि 'कोई भी उन्हें बेदखल नहीं कर सकता। अल्लाह आपकी मदद करे।’ एक वीडियो में वे यह कहते नजर आए कि जब तक वे ज़िंदा हैं, यहां के लोगों को कोई बेदख़ल नहीं कर सकता। उनके इस बयान के बाद विवाद बढ़ना शुरू हो गया। बारपेटा यात्रा प्रबंधन समिति ने कांग्रेस के निलंबित विधायक शर्मन अली अहमद के खिलाफ बारपेटा थाने में अतिक्रमणकारियों को भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करा दी। बरपेटा सत्र के सत्राधिकारी वशिष्ठ देव सरमा इस मामले पर कहते हैं कि विधायक शर्मन अली अहमद के बयान ने मुझे और बारपेटा के लोगों को आहत किया है। यह सिर्फ हमारा अपमान नहीं है, यह सभी लोगों का अपमान है।
बहरहाल, राज्य सरकार ने मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए इस पर कार्रवाई की और सत्र की जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने इस पूरे मामले पर एक ट्वीट कर कहा, ‘एक विधायक के अत्यधिक सांप्रदायिक और भड़काऊ बयानों के बाद हम 37 परिवारों को बेदखल करने और बागबोर पुलिस थाने के तहत मांडिया मौजा से ‘बारपेटा सत्र’ की 40 बीघा जमीन को खाली कराने में सफल रहे। हम असम में सत्र जमीनों पर अतिक्रमण को खाली कराने के लिए प्रतिबद्ध है।’ तो वहीं बारपेटा के पुलिस अधीक्षक अमिताभ सिन्हा ने कहा कि जमीन खाली कराने का अभियान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। प्रशासन ने बिना लोगों के विरोध के सत्र की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया। बारपेटा के ही उपायुक्त तेज प्रताप भुसाल ने कहा कि अतिक्रमणकारियों को पिछले महीने तीन बार नोटिस दिया गया था। बावजूद उन्होंने जमीन खाली नहीं की। अब जब जमीन खाली हो गई है तो जमीन को सत्र की प्रबंध समिति को सौंपा गया है। बारपेटा की सभी सत्र जमीनों को लगभग खाली करा दिया गया है।
घुसपैठियों ने कब्जा रखी है जमीन
बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा राज्य की जमीनों पर कब्जा जमाने की बात कोई नई नहीं है। अभी भी बहुत सी महत्वपूर्ण जमीनें हैं, जहां जबरन अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा रखा है। हालांकि भाजपा सरकार बनने के बाद ऐसी शिकायतों पर बड़ी गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। बीते कुछ समय में राज्य सरकार ने सैकड़ों बीघा जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया है। बता दें कि प्रशासन ने सत्र की जिस जमीन को खाली कराया है वह ‘सत्र’ से लगभग 6-7 किमी दूर है, लेकिन उसी का हिस्सा है। हालांकि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया ने बारपेटा के सत्राधिकार बशिष्ठ देव शर्मा को लिखे पत्र में कहा कि न ही वह और न ही उनकी पार्टी अहमद के बयानों का समर्थन करती है।
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