पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए चीन का बहुचर्चित दौरा बहुत प्रभावी नहीं साबित हुआ है। इमरान को इस दौरे से निराशा ही हाथ लगी है, क्योंकि पाकिस्तान को चीन से नया कर्ज भी नहीं मिला है। विंटर ओलिंपिक का इस्तेमाल राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने में करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डूडा से मुलाकात की।
जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अलग से मुलाकात की। भीषण आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान को चीन से नया कर्ज मिलने की उम्मीद थी। बताया गया कि इमरान खान ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से तीन अरब डालर का कर्ज स्वीकृत करने का अनुरोध किया है लेकिन पहले से चीनी कर्ज के बोझ से दबे पाकिस्तान को और कर्ज देने की मंजूरी तो दूर, इस बाबत अब तक आश्वासन तक नहीं मिला है।
तमाम मुलाकातों व चर्चाओं के बावजूद पाकिस्तान को चीन से नया कर्ज नहीं मिल सका है। इस दौरान चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कारिडोर (सीपीईसी) के द्वितीय चरण में होने वाले कार्यो पर चर्चा हुई। सीपीईसी के प्रथम चरण के कई कार्य अभी पूरे नहीं हुए हैं। करीब दो साल से सीपीईसी पर कार्य बंद पड़ा है। चीन के निवेशित धन का ब्याज भी पाकिस्तान नहीं चुका पा रहा है।
इमरान से मुलाकात में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विश्वास जताया कि दोनों देश मिलकर बदलाव लाएंगे और चीन व पाकिस्तान का रणनीतिक सहयोग दुनिया में बदलाव का कारक बनेगा। चीन अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पूरी तरह से न्याय और पारदर्शिता बरतता है। पाकिस्तान के साथ चीन के ऐसे ही रिश्ते हैं। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर कार्य करेंगे।
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